महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार शाम फेसबुक के जरिए लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना के विधायक उनसे कहते तो वे खुद ही मुख्यमंत्री पद छोड़ देते. उन्होंने यहां तक कहा कि वे सीएम पद तो छोड़िए शिवसेना अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए भी तैयार हैं. आइए जानते हैं उद्धव के फेसबुक लाइव की 10 बड़ी बातें.
1. हम कांग्रेस और राकांपा के खिलाफ काफी समय थे. लेकिन शरद पवार ने एक बैठक में बोला कि मुझे तुमसे बात करनी है. उन्होंने कहा कि तुम्हारे कन्धों पर जिम्मेदारी देनी है.
2. शरद पवार ने मुझसे मुख्यमंत्री बनने की बात कही. अगर कांग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कहती है तो मैं तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं.
3. सोनिया गांधी ने भी हम पर भरोसा जताया है. आज सुबह कमल नाथ ने मुझे फोन किया और कहा कि हम सभी आपके साथ हैं.
4. बीजेपी मुझे लगातार बुरा भला कह रही है. वह कह रही है कि मैं मुख्यमंत्री कहलाने के लायक नहीं हूं.
5. मुझे सीएम पद छोड़ने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन मेरी जगह कोई शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा तो मुझे खुशी होगी.
6. एकनाथ शिंदे की तरफ इशारा करते हुए उद्धव ने कहा कि कुल्हाड़ी भी लकड़ी की होती है, लेकिन उससे पेड़ काटा जाता है.
7. उद्धव ने कहा कि मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं, मेरी कोई मजबूरी नहीं है, मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं.
8. बागी विधायकों के लिए सीएम ठाकरे ने कहा कि जो नाराज विधायक हैं वो आएं, मैं कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार हूं.
9. यह मेरा नाटक नहीं है. मैं आपके साथ आने तैयार हूं. संख्या किसके पास कितनी है इससे मुझे मतलब नहीं है.
10. गुवाहाटी गए शिवसेना के बागी विधायकों के बारे में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं जिन्हें अपना मानता हूं, जो गुवाहाटी गए हैं, वो मुझसे बात करें.
संबोधन में हिंदुत्व और बाला साहब का जिक्र
उद्धव ठाकरे ने संबोधन के दौरान अपनी सरकार की भी जमकर तारीफ की. उनके मुताबिक कोरोना काल में उनकी सरकार ने बेहतरीन काम किया था. वे कहते हैं कि देश में कोरोना का जब प्रकोप बढ़ा तो किसी को नहीं पता था कि इस वायरस से कैसे लड़ा जाए फिर भी हम कोविड से लड़े. हम कोविड से निपटने वाले टॉप 5 मुख्यमंत्री में थे. संबोधन में कई मौकों पर उद्धव ने हिंदुत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने साफ कर दिया कि आज भी शिवसेना हिंदुत्व पर कोई समझौता नहीं करती है. ये भी कहा गया कि वर्तमान शिवसेना भी बालासाहब वाली ही है, उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर चलती है.
किसी ने मुझे नहीं बताई अपनी मंशा
कोरोनाकाल में मैंने जो कुछ भी जरूरी था, वह सब किया. महाराष्ट्र के सीएम की गिनती उस समय देशभर के 5 मुख्यमंत्रियों में हो रही थी. सर्जरी की वजह से कुछ दिन लोगों से मिल नहीं पाया. लेकिन अब फिर मुलाकात शुरू कर दी है. शिवसेना हिंदुत्व से दूर नहीं हो सकती. इसलिए आदित्य और एकनाथ शिंदे अयोध्या गए थे. मैं सदन के पटल पर हिंदुत्व के ऊपर बोलने वाला पहला मुख्यमंत्री हूं. 2014 में हिंदुत्व के नाम पर ही हमने चुनाव लड़ा और शिवसेना के 63 विधायक चुने गए. जो लोग आज दौड़ लगा रहे हैं, उनमें से किसी ने भी नहीं कहा कि वे मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते हैं.