महाडा फ्लैट्स (MHADA) मसले पर शिवसेना और एनसीपी के बीच जो टकराव हुआ था, अब वह खत्म होता दिख रहा है. जानकारी मिली है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए अब दूसरी जगह फाइनल कर ली गई है. दरअसल, टाटा मेमोरियल अस्पताल को जो महाडा फ्लैट्स (MHADA) दिए जाने थे, उसके हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई थी. इन फ्लैट्स की चाभी खुद शरद पवार ने टाटा अस्पताल के अधिकारियों को सौंपी थी. इनकी जगह अब दूसरी के फ्लैट्स अस्पताल को दिए जाएंगे.
मुंबई के परेल स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर का इलाज कराने देशभर से मरीज आते हैं. इन लोगों के लिए सरकार ने महाडा के फ्लैट अस्थाई रूप से टाटा अस्पताल को सौंपने का फैसला किया था, इनकी चाभी खुद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने टाटा अस्पताल के अधिकारियों को सौंपी थी. ये 100 फ्लैट करी रोड पर स्थित हैं.
टाटा अस्पताल को दूसरी जगह मिलेंगे फ्लैट्स
स्थानीय शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि इस फैसले से करी रोड के स्थानीय लोग नाराज हैं. इसके बाद चौधरी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की. फिर फ्लैटों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई.
अब विवाद को सुलझाने के लिए दूसरी जगह फ्लैट्स दिए जाने की बात कही जा रही है. एनसीपी से आने वाले महाराष्ट्र के आवासीय मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बताया है कि अब करी रोड की जगह दादर के नायगांव के महाडा फ्लैट टाटा अस्पताल को सौंपे जाएंगे. आव्हाड ने इस फैसले के लिए उद्धव ठाकरे का आभार जताया है.
शरद पवार से मिले थे संजय राउत
बुधवार रात संजय राउत दिल्ली में शरद पवार से मिले थे. इस बारे में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी. राउत बोले कि शरद पवार ने कहा है कि उद्धव ठाकरे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं और महाराष्ट्र सरकार पूरे पांच साल चलेगी.
टाटा मेमोरियल अस्पताल कैंसर के इलाज के लिए देशभर में माना हआ अस्पताल है. देश के कोने-कोने से यहां मरीज इलाज के लिए आते हैं. इलाज में लंबा समय लगता है. ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं. उनके तीमारदारों के लिए इतने दिन मुंबई में होटल या किराए पर कमरा लेकर रहा संभव नहीं होता, इसलिए परेल में टाटा अस्पताल के आस-पास स्थित फुटपाथ पर बड़ी संख्या में मरीजों के रिश्तेदार रहते मिल जाएंगे. इन लोगों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महाडा के फ्लैट अस्थायी रूप से टाटा अस्पताल को सौंपने का फैसला किया है.
लेकिन खुद शरद पवार ने जिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया वो प्रोजेक्ट उद्धव ठाकरे ने बिना NCP से बात किए रोका इसपर पवार की पार्टी नाराज नजर आई. लेकिन विवाद को बढ़ाने की जगह अब मुद्दे को सुलझाने की कोशिश जारी है.