महाराष्ट्र बजट को लेकर सत्तारूढ़ महायुति और विपक्ष के बीच जारी तीखी बहस के बीच सोमवार को विधानसभा में एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच मर्सिडीज कारों की कीमतों पर हुई हल्की-फुल्की बातचीत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.
यह मजेदार संवाद तब हुआ जब बजट पेश होने के बाद उद्धव ठाकरे की मुलाकात सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से हुई. राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के विरोधी इन नेताओं ने पहले तो हाथ मिलाया और फिर मजाकिया अंदाज में बातचीत की.
'क्या सरकार ने मर्सिडीज के दाम बढ़ाए?'
ठाकरे ने सवाल पूछा, 'क्या सरकार ने मर्सिडीज कारों के दाम बढ़ा दिए हैं?' यह टिप्पणी हाल ही में शिवसेना की नेता नीलम गोरे के एक बयान को लेकर थी. नीलम गोरे ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे की पार्टी में पद पाने के लिए दो मर्सिडीज कारें देनी पड़ती हैं. इस बयान का शिवसेना (यूबीटी) ने कड़ा विरोध जताया था.
फडणवीस ने तुरंत इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी लेकिन बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'हमने मर्सिडीज की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं, क्योंकि हमें पता है कि उद्धव कौन सी कार इस्तेमाल करते हैं.'
फडणवीस ने आदित्य ठाकरे को कहा था 'मर्सिडीज बेबी'
तीन साल पहले फडणवीस ने उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को 'मर्सिडीज बेबी' कहा था. दरअसल, वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान फडणवीस की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे, जिसके जवाब में फडणवीस ने कहा था, 'ये मर्सिडीज बेबी, जो सोने की चम्मच के साथ पैदा हुए हैं, कभी संघर्ष नहीं देख पाए.'
'मुझे बताइए वो गाड़ियां कहां हैं?'
नीलम गोरे के हालिया बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने उन पर पलटवार करते हुए सबूत मांगे थे. उन्होंने कहा, 'मुझे बताइए कि वे गाड़ियां कहां हैं? ये लोग मेरे लिए राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हैं.' इसके बाद विपक्ष ने विधान परिषद में नीलम गोरे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.