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संजय राउत की टिप्पणी से नाराज हुई कांग्रेस, डैमेज कंट्रोल में जुटे उद्धव ने बयान से किया किनारा,दी नसीहत

शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे ने पार्टी प्रवक्ता संजय राउत के उस बयान से किनारा कर लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीट पर लड़ेगी. उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे एमवीए गठबंधन को नुकसान पहुंचे.

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उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के बयान से किया किनारा
उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के बयान से किया किनारा

लोकसभा चुनाव के लिए INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी फैसला होना बाकी है, लेकिन सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (उद्धव गुट की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को जोर दिया कि उनकी पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीट पर लड़ेगी.

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राउत ने दिया था ये बयान

राउत ने यह भी कहा कि सीट बंटवारे के संबंध में कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत बिल्कुल शून्य से शुरू होगी, क्योंकि राज्य में उसके (कांग्रेस के) पास कोई भी सीट नहीं है. राउत के इस बयान से कांग्रेस नाराज हो गई है जिसके बाद खुद उद्धव ठाकरे डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे एमवीए गठबंधन को नुकसान पहुंचे. उनके इस बयान को राउत के बयान के खंडन के रूप में देखा जा रहा है जिसने सहयोगी कांग्रेस में कई लोगों को परेशान कर दिया है.

मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए, ठाकरे ने कहा कि टिकट वितरण सुचारू रूप से होगा और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी से बात की है. एक दिन पहले, राउत ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 पर चुनाव लड़ेगी. राउत ने यह भी कहा था कि कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत "शून्य से शुरू" करनी होगी क्योंकि कांग्रेस ने पिछले चुनावों में कोई सीट नहीं जीती थी. उनके इस बयान पर राज्य कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

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उद्धव ने किया बयान से किनारा

उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे एमवीए को नुकसान पहुंचे. इसलिए मैं कुछ भी कहने वालों पर ध्यान नहीं दूंगा. जब तक कांग्रेस अध्यक्ष इस मुद्दे (सीट-बंटवारे) पर नहीं बोलेंगे, तब तक न तो मैं और न ही मेरी तरफ से कोई भी इस पर टिप्पणी करेगा.' शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने यह भी कहा कि टिकट वितरण सुचारू रूप से होगा.

उन्होंने कहा, 'शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के बीच चर्चा सुचारू रही है. एमवीए सदस्यों-शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट)- और प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ एक संयुक्त बैठक करने के प्रयास जारी हैं. जबकि शिव सेना (यूबीटी) और वीबीए ने पहले ही गठबंधन कर लिया है, लेकिन अंबेडकर के नेतृत्व वाले संगठन को एमवीए में शामिल करने और किसी चुनावी समझौते पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है.'

कांग्रेस ने दी थी तीखी प्रतिक्रिया

संजय निरुपम ने राउत पर निशाना साधते हुए कहा था कि शिवसेना (यूबीटी) अपने दम पर कोई सीट नहीं जीत सकती. निरुपम ने कहा कि कांग्रेस और शिवसेना को एक-दूसरे की जरूरत है. निरुपम ने कहा कि पिछली बार अविभाजित शिवसेना द्वारा जीती गई 18 सीट में से एक दर्जन से अधिक सांसदों ने पाला बदल लिया है.

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वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'संजय राउत के अनुसार कांग्रेस को जीरो से शुरुआत करते हुए बातचीत करनी चाहिए. वह उस पार्टी के बारे में बात कर रहे हैं, जो महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. मैं राउत को बताना चाहता हूं कि कोई भी गठबंधन महाराष्ट्र के स्थानीय नेतृत्व से परामर्श के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है.'

2019 में ऐसा रहा था परिणाम

2019 के लोकसभा चुनावों में, शिवसेना (अविभाजित) ने महाराष्ट्र में जिन 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 18 पर जीत हासिल की, जबकि उसकी सहयोगी भाजपा ने 25 में से 23 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं राकांपा (अविभाजित) 4 सीटों पर विजयी हुई जबकि कांग्रेस की सिर्फ एक सीट मिली थी.

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