शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्वीकार किया है कि उनके और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच कभी- कभार ही बातचीत होती है.
'सामना' में दिया इंटरव्यू
उद्धव ने अपने जन्मदिन 27 जुलाई से पहले पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को दिए वार्षिक इंटरव्यू में कहा है, ' नहीं, हमारे बीच कोई बातचीत नहीं होती.' इंटरव्यू का तीसरा और अंतिम खंड शनिवार को प्रकाशित हुआ है.
25 साल का गठबंधन
शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बीजेपी की दूसरी बड़ी सहयोगी है. दोनों पार्टियां महाराष्ट्र में 1995-99 में सत्ता में थीं और उनका 25 साल का गठबंधन रहा है, लेकिन 2014 में दोनों के बीच तीन महीने का अलगाव हो गया था.
दिल्ली में होती है मुलाकात
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि वह घर पर रहते हैं, लेकिन जब दिल्ली जाते हैं तो शाह से मिलते हैं. उन्होंने अतीत के उन दिनों का जिक्र किया जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एल.के.आडवाणी और दिवंगत प्रमोद महाजन जैसे बीजेपी नेता ठाकरे के मातोश्री बंगले पर अक्सर आते रहते थे.
पूरी तरह नहीं बंद है बात
उद्धव ने हालांकि, स्पष्ट किया कि शाह के साथ उनकी बातचीत पूरी तरह बंद नहीं है.
उन्होंने कहा, ' पिछली बार उन्होंने मुझे फोन किया था, तब मैं उनके बेटे की शादी में शामिल हुआ था.'
उद्धव ने सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार से पहले शिवसेना को भरोसे में लिया गया था.
उन्होंने कहा, ' उस घटनाक्रम पर अब पर्दा गिर चुका है. मैं इसे फिर नहीं उठाना चाहता.'
हर विभाग होता है महत्वपूर्ण
उद्धव ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके संबंध बेहद अच्छे हैं और उन्होंने उन्हें प्रदेश का शीर्ष नेता करार दिया.
शिवसेना के विधायकों को कम महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने को लेकर उपजे असंतोष की खबर पर उन्होंने कहा, ' हर विभाग/मंत्रालय महत्वपूर्ण होता है. यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह इसे कैसे निभाता है.'
शरद पवार के बयान की निंदा
उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के बयान पर उनकी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर शिवसेना की कोई इज्जत है तो इसे राज्य गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए.
ठाकरे ने कहा, ' वह चाहते हैं कि सरकार जल्द गिर जाए, ताकि वे इसका आनंद ले सकें. मैं उनके लिए सरकार को नहीं गिरा सकता.'
इनपुट- IANS