अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के सबसे करीबी लोगों में से एक संतोष महादेव सावंत उर्फ अबू सावंत को केंद्रीय एजेंसियों और मुम्बई क्राइम ब्रांच द्वारा संयुक्त कार्रवाई के बाद सिंगापुर से मुम्बई डिपोर्ट कर लाया गया. सावंत के खिलाफ सीबीआई के पास भी केस दर्ज हैं. इसलिए क्राइम ब्रांच का कहना है कि पहले अबू सावंत की कस्टडी सीबीआई लेगी.
सिंगापुर में रहते हुए अबू सावंत होटल कारोबार की आड़ में छोटा राजन के लिए काम कर रहा था. वो करीब 22 सालों से राजन गैंग से जुड़ा हुआ है. सावंत छोटा राजन के सबसे करीबी लोगों में से एक था और डीके राव के बाद गैंग में दूसरे नंबर पर था. जब साल 2000 में छोटा राजन पर हमला हुआ तो उसके बाद रवि पुजारी, हेमंत पुजारी, बंटी पांडे, संतोष और विजय शेट्टी एजाज लकड़ा वाला जैसे उसके नजदीकियों ने भी उसका साथ छोड़ दिया था, लेकिन अबू सावंत ने उसका साथ नहीं छोड़ा था और जल्द ही राजन का करीबी बन गया.
धमकी, वसूली और मकोका के तहत केस दर्ज
डीके राव के पास गैंग से जुड़े अपराधों की एक्टिविटी को अंजाम देने का काम था तो अबू सावंत राजन की काली कमाई का हिसाब किताब देखने लगा. उसके पिता रीयल एस्टेट में थे इसलिए उसे प्रॉपर्टी की अच्छी खासी समझ थी. उसने राजन कंपनी की प्रॉपर्टी डीलिंग और फाइनेंस को पूरी तरह टेकओवर कर लिया था. साल 2000 में उसके प्रत्यार्पण को लेकर कागजी कार्रवाई की शुरूआत हुई, उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी था. ऐसे में दशक भर की मेहनत के बाद उसे डिपोर्ट किया गया. उसके ऊपर मुख्य तौर पर धमकी वसूली जैसे आरोप है और मकोका के तहत भी केस है.
गुर्गों की जमानत का जिम्मा संभालता था सावंत
मुम्बई समेत देश में टारगेट सेट करना ,उनसे संपर्क कर धमकी और वसूली करना, प्रोटेक्शन मनी के नाम पर ये सब सावंत के ही जिम्मे था. गैंग के लोगों के लिए पकड़े जाने पर जमानत के इंतजाम करना, राजन के इन्वेस्टमेंट को हैंडल करना भी अबू सावंत ही देखता था.