केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए गए बयान के बाद गिरफ्तारी से राजनीति तेज हो गई है. राणे की गिरफ्तारी का बीजेपी ने विरोध किया है तो शरद पवार का कहना है कि वो इस मसले पर ज्यादा तवज्जो नहीं देंगे, लेकिन राज्य सरकार के एक्शन के बाद अब महाराष्ट्र में लड़ाई बीजेपी बनाम शिवसेना होती दिख रही है.
शाम करीब 5 बजे हुई गिरफ्तारी से पहले ही इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही थी कि नासिक पुलिस नारायण राणे को गिरफ्तार कर सकती है. नासिक के पुलिस कमिश्नर की ओर से जो जानकारी दी गई थी उसके मुताबिक उनके ही कहने पर रत्नागिरी पुलिस अधीक्षक (SP) ने राणे को हिरासत में लिया है. नासिक पुलिस की एक टीम रत्नागिरी पहुंचेगी. शाम करीब 5 बजे राणे को गिरफ्तार कर लिया गया. रत्नागिरी जिले की संगमेश्वर पुलिस ने राणे को महाड़ पुलिस के हवाले कर दिया.
हाल ही में केंद्र में मंत्री बने नारायण राणे अपने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कामयाबियों को बताने के लिए निकले थे. राणे की आशीर्वाद यात्रा मुंबई से लेकर सिंधुदुर्ग तक जानी थी जो उनका गृह जिला भी कहा जाता है. लेकिन इस बीच राणे ने कल पीसी में जो बयान दिया उसके खिलाफ उन पर 4 जगहों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
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शिवसैनिकों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की और बाद में उसे एफआईआर में दर्ज कर लिया गया. और अब नासिक पुलिस कमिश्नर का कहना है कि जो बयान उन्होंने दिया था उसकी वजह से दो गुटों में संघर्ष पैदा हो सकता है. कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी करना जरूरी हो गया था. इसके लिए नासिक पुलिस की टीम को रत्नागिरी और संगमेश्वर पुलिस स्टेशन भेजा गया है.
चिपलून से हिरासत में लिए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे। ज्यादा जानकारी दे रहे हैं @sahiljoshii। Sayeed Ansari #NarayanRane pic.twitter.com/wDDdllzem0
— AajTak (@aajtak) August 24, 2021
भारतीय जनता पार्टी बनाम शिवसेना
नारायण राणे प्रकरण के साथ ही अब राज्य में भारतीय जनता पार्टी बनाम शिवसेना हो गया है. बंगाल में जिस तरह से टीएमसी बनाम बीजेपी की लड़ाई दिखी थी. दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे दल में शामिल हो रहे थे. उसी तरह से यह जंग अब महाराष्ट्र में भी दिखाई दे रही है.
पहली बार यहां पर किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किया गया गया है. नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा जब से शुरू हुई है तब से यह संघर्ष दिखाई दे रहा था. राणे हर रैली में शिवसेना पर तंज कस रहे थे. हमला भी कर रहे थे. जिस तरह से राणे को केंद्र में मंत्री बनाया गया उससे लग रहा था कि उन्हें यहां के लिए कुछ खास काम मिलने वाला है.
नारायण राणे के ऊपर हुए एक्शन को लेकर जब शरद पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह नारायण राणे के मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता. हम तवज्जो नहीं देना चाहते. ऐसे में जब शरद पवार कह रहे हैं कि हमें तवज्जो नहीं दे रहे लेकिन महाराष्ट्र सरकार इतना बड़ा एक्शन ले रही है.
गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच माना जा रहा है कि यह बड़ा टकराव है. टकराव चरम पर है. पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत केस के दौरान भी बड़ा टकराव दिखाई दिया था. जब से यहां पर सरकार बनी तब से टकराव की स्थिति है. राज्य में शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के बाद बीजेपी राज्य की राजनीति में अलग-थलग पड़ गई है.
शिवसेना का सरकार बनाने का फैसला कितना सही है यह अगले साल नगर निगम चुनाव के दौरान पता चल सकता है. विधानसभा चुनाव से पहले यह बेहद अहम चुनाव है. राज्य की राजनीति में नारायण राणे के बीजेपी में आने के बाद से बीजेपी और शिवसेना के बीच रिश्ते बेहद निचले दर्जे पर पहुंच गए हैं.
बीजेपी ने जताई नाराजगी
इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है. इस तरह की कार्रवाई से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे. भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान हैं. हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी.
नारायण राणे पर हुए एक्शन पर महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राणे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट से पता चलता है कि राज्य सरकार डरी हुई है. यह एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है. उन्होंने कहा कि मैं राणे के बयान का समर्थन नहीं करता, लेकिन अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है या फिर सीएम के खिलाफ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, तो उनके नेताओं के साथ क्या किया जा रहा है, जो एक संवैधानिक पदाधिकारी राज्यपाल के खिलाफ लगातार टिप्पणी करते रहे हैं.