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Valentine's Day: महाराष्ट्र के इस गांव में 4 दशकों से है प्रेम विवाह की परंपरा

गोंडपिपरी तहसील का करंजी गांव में रहने वाले लोगों के पिछले 4 दशकों में 200 से ज्यादा प्रेम विवाह हुए हैं. शुरुआत में इस गांव में प्रेम विवाह को लेकर विरोध किया जाता था लेकिन अब यहां परंपरा बन चुकी है. इस गांव में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और ज्यादातर लव मैरिज अंतर्जातीय हुई हैं.

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करंजी गांव के लोग एक दशक से कर रहे हैं प्रेम विवाह
करंजी गांव के लोग एक दशक से कर रहे हैं प्रेम विवाह

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक ऐसा गांव है, जो प्रेम विवाह के लिए जाना जाता है. जिले के गोंडपिपरी तहसील के करंजी गांव में बीते चार दशकों में 200 से ज्यादा प्रेम विवाह हुए हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार भी इसी गांव के रहने वाले हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने भी प्रेम विवाह किया है. यही नहीं यहां के सरपंच और उपसरपंच समेत 11 सदस्यों वाली ग्राम पंचायत के 6 सदस्यों ने भी प्रेम विवाह किया है. 

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बताया जा रहा है कि इस गांव में पिछले चार दशकों से प्रेम विवाह की परंपरा शुरू हुई, जो आज तक जारी है. इस गांव में टंटा मुक्त समिति (विवाद मुक्त समिति) सक्रिय है जो गांव में हुए विवादों को निपटाने का काम करती है. इसी समिति के माध्यम से जो प्रेम विवाह करना चाहता है उसका मार्गदर्शन किया जाता है. परिवार वालों को समझाया जाता है, लड़का और लड़की दोनों की सहमति के बाद गांव के मंदिर या ग्राम पंचायत में विवाह संपन्न किया जाता है. 

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गांव में चार दशक से चली आ रही है प्रेम विवाह की प्रथा

कई विवाह धूमधाम से भी हुए हैं, शुरुआत में इस गांव में प्रेम विवाह को लेकर विरोध किया जाता था लेकिन अब यहां परंपरा बन चुकी है. इस गांव में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और ज्यादातर लव मैरिज अंतर्जातीय हुई हैं. गांव में रहने वाले प्रदीप खोब्रागडे ने बताया कि जब वो पढ़ते थे तभी से पड़ोस में रहने वाली सुरेखा से प्यार हुआ और 1997 में उनकी शादी हुई. शादी के पहले चार साल तक उनका प्रेम प्रसंग चला. अब उनकी शादी को 27 साल हो गए है. उनके दो बेटे हैं और वो अपनी पत्नी के साथ खुशहाल जीवन बिता रहे हैं.  

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वहीं ग्राम पंचायत सदस्या जानकी तेलकापल्लीवार बताती हैं कि साल 2011 उनक अंतर्जातीय प्रेम विवाह हुआ. वो अपने पति और बच्चों के साथ सुखी से जीवन बिता रही हैं. इसी गांव के पोहनकर और श्रुति की शादी एक महीने पहले ही हुई. दो छुपछुप कर एक दूसरे को देखते थे और प्यार हो गया फिर शादी कर ली. इसी तरह गांव में एक मूकबधिर जोड़ा भी है, इन्होंने भी प्रेम विवाह किया. वो अपनी भावनाओं और प्यार को इशारों से एक दूसरे को बताते हैं. दोनों में अटूट प्रेम है. 

प्रेम विवाह के लिए परिजनों को राजी किया जाता है

गांव के टंटा मुक्त समिति (विवाद मुक्त समिति) के पूर्व अध्यक्ष तुकेष वानोडे बताते हैं कि 2007 में महाराष्ट्र सरकार ने टंटा मुक्त समिति (विवाद मुक्त समिति) बनाई उस दौरान वो इस समिति के अध्यक्ष थे और उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा प्रेम विवाह हुए है. जो प्रेमी जोड़े घर से भाग जाते और गलत कदम उठते थे उनका सही मार्गदर्शन कर परिवार वालों को समझाकर शादी के लिए राजी किया जाता है.

वेलेंटाइन डे पर प्रेम का संदेश दे रहा है ये गांव

गांव के समीर निमगड़े ग्रामपंचायत सदस्य है उनका भी प्रेम विवाह है उनके शादी को 10 साल पूरे हुए हैं और आज वो सुखी जीवन बिता रहे है. अब तक इस गांव में घरेलू हिंसा का एक भी मामला पुलिस में दर्ज नहीं हुआ है. 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे के मौके पर ये पूरा गांव समाज को प्यार का अनोखा संदेश दे रहा है.  

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