स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सासंद राहुल गांधी द्वारा पुणे की एक अदालत में दायर याचिका पर आपत्ति जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर की भूमिका के बारे में अप्रासंगिक तर्क देकर मानहानि के मामले को भटकाने और उसे लंबा खींचने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ देशभर की विभिन्न अदालतों में 18 कानूनी मामले चल रहे हैं, जिनमें से 14 मानहानि से जुड़े हैं. गुजरात में एक मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई गई थी, हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी. इसी संदर्भ में सत्यकी सावरकर ने कहा कि राहुल गांधी के मानहानि संबंधी बयान देने की आदत बन चुकी है.
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने लंदन में अप्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद सत्यकी सावरकर ने पुणे की विशेष अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया. इस मामले में राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद पवार ने एक याचिका प्रस्तुत कर अदालत से अनुरोध किया कि इस केस को 'संक्षिप्त सुनवाई' (Summary Trial) से बदलकर 'समन ट्रायल' (Summons Trial) के रूप में चलाया जाए.
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में दलील दी कि ये मामला स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक घटनाक्रम से जुड़ा है, इसलिए अदालत को सावरकर के योगदान का सही मूल्यांकन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस संदर्भ में ऐतिहासिक दस्तावेज अदालत में पेश किए जा सकते हैं.
सत्यकी सावरकर ने किया कड़ा विरोध
हालांकि, सत्यकी सावरकर के वकील एडवोकेट संग्राम कोल्हटकर ने राहुल गांधी की इस मांग का कड़ा विरोध किया. अब अदालत को तय करना है कि मामले की सुनवाई किस प्रकार होगी.