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गढ़चिरौली के लावारी गांव ने माओवादियों के घुसने पर लगाया बैन

महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के कुरखेड़ा तालुका के लावारी गांव ने माओवादियों के घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि कुरखेड़ा तालुका जिस गढ़चिरौली ज़िले में है उसे माओवाद से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में से एक माना जाता है. इसी साल गढ़चिरौली ज़िले में सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा माओवादी हमला हुआ था.

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लावारी गांव ने माओवादियों पर लगाया बैन (दिव्येश सिंह)
लावारी गांव ने माओवादियों पर लगाया बैन (दिव्येश सिंह)

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  • माओवादियों का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार हैं गांव के 6 युवक
  • माओवादी के एक बड़े हमले में गई थी 15 सुरक्षाकर्मियों की जान
  • एसपी से ग्रामीणों ने गिरफ्तार युवकों को माफ़ करने की लगाई गुहार

महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के कुरखेड़ा तालुका के लावारी गांव ने माओवादियों के घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि कुरखेड़ा तालुका जिस गढ़चिरौली ज़िले में है उसे माओवाद से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में से एक माना जाता है. इसी साल गढ़चिरौली ज़िले में सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा माओवादी हमला हुआ था.

लावारी के आदिवासी ग्रामीणों ने गढ़चिरौली पुलिस को चिट्ठी लिखकर उन छह युवाओं को माफ़ करने का अनुरोध किया है जिन्हें 1 मई को पुलिस पार्टी पर हमले की घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था.

गढ़चिरौली के कुरखेड़ा तालुका में 1 मई को IED हमले में QRT के 15 कमांडो और 1 नागरिक मारे गए थे. IED में 30 किलोग्राम से ज़्यादा विस्फोटक भरा हुआ था. धमाके का असर कैसा था ये इसी से पता चलता है कि जिस वाहन पर कमांडो सवार थे, उस वाहन और कमांडो के शरीर के हिस्से 800 मीटर दूर तक छितरे पाए गए थे.   

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नर्मदा जैसे माओवादी काडर के अलावा लावारी गांव के छह युवकों ने भी हमले में माओवादियों का साथ दिया था. इन छह युवकों को बाद में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

लावारी के ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह एसपी, गढ़चिरौली, शैलेश बलकवाडे को चिट्ठी सौंप कर गांव के छह युवकों को माफ करने का अनुरोध किया. चिट्ठी में कहा गया है कि इन युवकों को माओवादियों ने ये कह कर बरगलाया था कि वो उनके पानी, जमीन और जंगल के लिए लड़ रहे हैं. इन युवकों से ये भी कहा गया कि सरकार उनके संसाधनों को छीनना चाहती है. माओवादियों की ओर से इन युवकों से ‘क्रांति’ में शामिल होने और सिस्टम से लड़ने में साथ देने के लिए भी कहा गया.

लावारी गांव के लोगों ने अब माओवादियों के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही फैसला किया है कि गांव में या इसके आसपास किसी माओवादी गतिविधि को नहीं होने दिया जाएगा.

ग्रामीणों ने गढ़चिरौली पुलिस से निकट भविष्य में गांव में बैठक करने का आग्रह भी किया जिससे कि युवक माओवादियों के प्रोपेगैंडा में फंसने से बच सकें. साथ ही पुलिस के साथ मिलकर गांव के विकास के लिए काम करें.

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