महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के मामले पर सियासत जारी है. ऐसे में राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि सिंधुदुर्ग जिले में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के निर्माण की निगरानी राज्य सरकार ने नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना ने की थी, जो एक दिन पहले ढह गई थी. मीडिया से बात करते हुए, फडणवीस ने कहा कि सरकार एक बड़ी मूर्ति स्थापित करेगी, क्योंकि पिछली मूर्ति नौसेना द्वारा बनाई गई थी.
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि प्रतिमा के निर्माण की देखरेख राज्य सरकार द्वारा नहीं बल्कि नौसेना द्वारा की जा रही थी. प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण स्थानीय कारकों, जैसे हवा की तेज गति और उपयोग किए गए लोहे की गुणवत्ता को नजरअंदाज कर दिया होगा. फडणवीस ने कहा, समुद्री हवाओं के संपर्क में आने के कारण प्रतिमा में जंग लगने का खतरा अधिक हो गया होगा.
दोबारा मूर्ति बनवाएगी सरकार
बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में नौसेना दिवस पर सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में किया था, सोमवार दोपहर को ढह गई. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह सवाल है कि क्या मूर्ति के निर्माताओं ने इसे बनाने से पहले इन सभी कारकों को समझा था. उन्होंने कहा कि मूर्ति ढहने की घटना की जांच चल रही है. उन्होंने कहा, उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा बनाने का हमारा संकल्प है.
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों द्वारा महायुति सरकार पर निशाना साधने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, 'मूर्ति का गिरना दुखद है, लेकिन विपक्षी दलों का इस पर रुख अप्रिय है. इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोई जरूरत नहीं है.'
नौसेना ने क्या कहा?
इस बीच भारतीय नौसेना ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है. विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर है और इमारत ढहने की घटना की जांच कर रही है. नौसेना ने पुष्टि की कि प्रतिमा का निर्माण और स्थापना राज्य सरकार के सहयोग से नौसेना द्वारा की गई थी. नौसेना की ओर से टेंडर भी तय प्रक्रिया के आधार पर दिया गया. धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की गई.
नौसेना ने कहा कि शुरुआती प्रमाणपत्र उनके द्वारा लिए गए थे जो पालन किए गए मानकों के अनुसार थे. लेकिन बाद में रखरखाव का काम राज्य सरकार को सौंप दिया गया. भारतीय नौसेना ने पुष्टि की कि जांच के बाद वह मूर्ति की मरम्मत शुरू कर देगी.
ठेकेदार के खिलाफ दर्ज होगा केस
महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रवींद्र चव्हाण के अनुसार, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने मूर्ति पर जंग पाया था और नौसेना को पत्र लिखकर उन्हें सूचित किया था. स्थानीय पुलिस ने सिंधुदुर्ग जिले के एक पुलिस स्टेशन में ठेकेदार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया.