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कौन है राजा ठाकुर? जिस पर लगा सांसद संजय राउत को मारने की सुपारी लेने का आरोप

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे ( मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे) ने मुझे मारने के लिए ठाणे के एक अपराधी राजा ठाकुर को सुपारी दी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजा ठाकुर का असली नाम रविचंद्र ठाकुर है और उसका गिरोह ठाणे, कलवा और मुंब्रा के इलाकों में सक्रिय था.

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बाएं से राजा ठाकुर और संजय राउत. (फाइल फोटो)
बाएं से राजा ठाकुर और संजय राउत. (फाइल फोटो)

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने पुलिस को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे से जान को खतरा होने का आरोप लगाया था. राउत ने ठाणे और मुंबई के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गैंगस्टर राजा ठाकुर को उनकी जान की सुपारी दी गई है. जानिए कौन है राजा ठाकुर...

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पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजा ठाकुर का असली नाम रविचंद्र ठाकुर है और उसका गिरोह ठाणे, कलवा और मुंब्रा के इलाकों में सक्रिय था. सूत्रों ने कहा कि राजा ठाकुर गिरोह की दीपक पाटिल गिरोह से रंजिश थी. 2011 में विटवा के पास ठाणे बेलापुर रोड पर दीपक पाटिल की हत्या कर दी गई थी. 

राजा ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी था और उसे गिरफ्तार किया गया और फिर मामले में दोषी ठहराया गया. मामले में ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह 2019 तक सलाखों के पीछे रहा.

2019 की शुरुआत में ठाकुर को जमानत पर रिहा कर दिया गया. लेकिन उसने जमानत की शर्तों का पालन नहीं किया और फरार हो गया. ठाणे पुलिस ने तब जाल बिछाया और अक्टूबर 2019 में ठाकुर को फिर से गिरफ्तार कर लिया. लेकिन कुछ ही समय में ठाकुर को फिर से जमानत पर रिहा कर दिया गया. 

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राजा ठाकुर ने हाल ही में ठाणे क्षेत्र में कबड्डी टूर्नामेंट की मेजबानी की थी और उसने एकनाथ शिंदे को बधाई देने के पोस्टर भी लगाए थे. सूत्रों ने कहा कि उसका गिरोह ठाणे में सक्रिय था और वह वर्तमान में ठाणे से ही अपनी गतिविधियां चला रहा है. 

इस बीच, शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं ने राउत के आरोपों को बकवास करार दिया और कहा कि श्रीकांत शिंदे कभी भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते. 

शिंदे खेमे के एक विधायक ने इसे 'घटिया हथकंडा' बताया. विधायक संजय शिरसाट ने कहा,  राउत सहानुभूति हासिल करने के लिए घटिया हथकंडा अपना रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. हालांकि, यह मत भूलिए कि राउत बहुत सारे हथकंडे अपनाते रहते हैं, जिनमें कोई तथ्य नहीं होता है. मेरा मानना है कि श्रीकांत शिंदे ऐसा कभी नहीं करेंगे, फिर भी जांच शुरू की जा सकती है. 

 

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