शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत पात्रा चॉल घोटाले में फंसे हैं और 31 जुलाई से आर्थर रोड जेल में बंद हैं. संजय को मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद लोगों के मन में सवाल था कि आखिर उनकी अनुपस्थिति में शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय और साप्ताहिक कॉलम कौन लिखेगा?
ये जिज्ञासा तब और बढ़ गई, जब रीडर्स ने आम तौर पर संजय राउत के साप्ताहिक कॉलम में एक अलग नाम- 'कड़कनाथ मुंबईकर' देखा. इस नाम को देखकर हर कोई चकित रह गया. चूंकि ये नाम हर किसी के लिए पूरी तरह से अंजान था. हालांकि, जब संपर्क किया गया तो सामना कार्यालय ने यह कहते हुए कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया कि यह संपादक उद्धव ठाकरे का विशेषाधिकार है.
ईडी ने संजय को एक अगस्त को किया था अरेस्ट
हालांकि सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में साप्ताहिक कॉलम के लिए 'कड़कनाथ मुंबईकर' पेन नेम (Pen Name) दिया गया है. दरअसल, राउत जब ईडी की कस्टडी में थे, तब जांच एजेंसी ने कहा था कि वह राउत द्वारा कस्टडी में प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक कॉलम को पहले खुद देखेंगे. संजय को ईडी ने एक अगस्त को गिरफ्तार किया था.
कोर्ट से कॉलम लिखने की अनुमति नहीं
उसके बाद संजय राउत की बाइलाइन के साथ 7 अगस्त (रविवार) को 'सामना' में साप्ताहिक कॉलम 'रोकठोक' प्रकाशित हुआ. इस कॉलम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हालिया बयानों और राउत की गिरफ्तारी के बाद की घटनाओं का जिक्र किया गया था. ईडी के सूत्रों के अनुसार, संजय राउत को हिरासत में रहते हुए संपादकीय या कॉलम लिखने की कोर्ट से अनुमति नहीं मिली है.
ईडी 7 अगस्त के कॉलम के बारे में कर रही जानकारी
ऐसे में अब ईडी के अधिकारी इस मामले में जांच कर रहे हैं और ये जानकारी जुटा रहे हैं कि ये कॉलम खुद राउत ने अपने हाथ से लिखा था. या उन्होंने हिरासत में मिलने के दौरान किसी को कॉलम के बारे में विवरण दिया था, अथवा ये कॉलम राउत के नाम पर सामना के किसी कर्मचारी ने लिखा है.
अब कड़कनाथ मुंबईकर नाम से कॉलम प्रकाशित
अब इस रविवार (21 अगस्त) को 'कड़कनाथ मुंबईकर' की बाइलाइन के साथ कॉलम प्रकाशित हुआ है. जिसके बाद मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. बताते चलें कि महाराष्ट्र में पेन नेम (Pen Name) के साथ कॉलम लिखने की परंपरा है. इनमें कई टॉप जर्नलिस्ट के नाम शामिल हैं.
गोपनीय नामों से कॉलम लिखने की परंपरा
चर्चित पत्रकार प्रह्लाद केशव उर्फ आचार्य अत्रे ने 'केशव कुमार' नाम से कॉलम लिखा. नारायण अठावले ने 'फकीरदास फटकल' पेन नेम के साथ कॉलम लिखा. गोपाल हरि देशमुख ने 'लोकहितवादी' के नाम से चर्चित कॉलम लिखे हैं. आज भी कई पत्रकार गोपनीय नामों (Pseudo Names) से कॉलम लिखते हैं.