scorecardresearch
 

गौतम अडानी ने दोबारा क्यों की मुलाकात? उठ रहे सवालों पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी

शरद पवार और गौतम अडानी के बीच यह मुलाकात तकरीबन आधे घंटे तक चली थी. भले ही शरद पवार ने इस बैठक को टेक्निकल कहकर टाल दिया हो, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. इससे पहले भी पवार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले में गौतम अडानी का बचाव कर चुके हैं. 

Advertisement
X
गौतम अडानी और शरद पवार (फाइल फोटो)
गौतम अडानी और शरद पवार (फाइल फोटो)

अडानी ग्रुप के चेयरमैन और देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी ने गुरुवार को एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं. हालांकि, यह पहला मौका नहीं था, जब अडानी ने इस तरह से पवार के आवास 'सिल्वर ओक' में जाकर उनसे मुलाकात की. इससे पहले अडानी और पवार के बीच अप्रैल में भी मुलाकात हुई थी. 

Advertisement

महाराष्ट्र में जारी चर्चाओं के बीच शरद पवार ने पहली बार गौतम अडानी के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है. शरद पवार ने इस मुलाकात को टेक्निकल बताया है. उन्होंने बताया कि सिंगापुर से कुछ प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए थे और वे किसी तकनीकी मुद्दे पर उद्योगपति गौतम अडानी से मिलना चाहते थे. ऐसे में गौतम अडानी और सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल के बीच मुलाकात थी. हालांकि, यह एक तकनीकी मामला था. इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं है. 

शरद पवार और गौतम अडानी के बीच यह मुलाकात तकरीबन आधे घंटे तक चली थी. भले ही शरद पवार ने इस बैठक को टेक्निकल कहकर टाल दिया हो, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. इससे पहले भी पवार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले में गौतम अडानी का बचाव कर चुके हैं. 

Advertisement

दरअसल, अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया. अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SEBI ने इस मामले में जांच कर रिपोर्ट भी पेश की थी. 

उधर, अडानी के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. बजट सत्र में भी अडानी मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ था. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आए. लेकिन शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया था.

 शरद पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ''इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.'' पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को झटका देते हुए कहा था कि ये निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि 21 में 15 सदस्य सत्ता पक्ष के होंगे.

Advertisement

 


 

Advertisement
Advertisement