मुंबई नगर निगम ने महालक्ष्मी रेसकोर्स की जगह पर थीम पार्क स्थापित करने की अपनी योजना को नवीनीकृत किया है. इसके साथ ही मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में करीब 140 साल पुरानी घुड़दौड़ की परंपरा जल्द ही बीते हुए दिनों की बात हो हो सकती है. कुछ दिनों पहले ही रेसकोर्स का प्रबंधन करने वाले रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब (RWITC) के 700 में से 540 सदस्यों ने इसकी जमीन पर थीम पार्क बनाने के लिए वोटिंग करके अपनी सहमति दे दी है.
इसको लेकर बीएमसी कमिश्नर ने बताया कि महालक्ष्मी रेसकोर्स का मामला 2013 से लंबित है. हमने 13-14 बैठकें कीं. रेसकोर्स झुग्गी-झोपड़ी की तरह जर्जर हो चुका है क्योंकि इसी लीज खत्म हो चुकी है और मरम्मत नहीं हो सकी है. 1883 में रेसकोर्स की स्थापना हुई थी. आज खुली जगह की जरूरत है. मुंबई के 1 लाख एकड़ क्षेत्रफल में केवल 140 एकड़ भूमि पर ही उद्यान है.
बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि संचालन के लिए जितनी जमीन की जरूरत होगी, उन्हें दी जाएगी. बाकी को हम खुली जगह के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए यह निर्णय लिया गया कि 120 एकड़ बीएमसी सार्वजनिक उद्यान और 91 एकड़ रेसकोर्स के लिए रखा जाए. तटीय सड़क से 175 एकड़ के बगीचे को 120 एकड़ भूमि से जोड़ा जा सकता है और यह "मुंबई सेंट्रल पार्क" बन सकता है. भूमि पर कोई निर्माण नहीं होगा'. प्रस्ताव को क्लब सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया गया है.
क्या है पूरा विवाद?
महालक्ष्मी रेसकोर्स के जमीन शेयरिंग के अनुसार, बीएमसी एक तिहाई का मालिक है, जबकि बाकी जमीन महाराष्ट्र सरकार की है. रेसकोर्स साल 2004 से विवाद के केंद्र में है. RWITC पैनल ने तब एक फर्म, पेगासस इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एक गोल्फ कोर्स, होटल और एक बड़े हिस्से पर एक कन्वेंशन सेंटर विकसित करने के लिए एक सौदा करने की कोशिश की थी.