महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक अपील क्या सीएम एकनाथ शिंदे मानेंगे? ये सवाल इसलिए अहम हो गया है क्योंकि उद्धव की मांग कोई राजनीतिक नहीं है बल्कि मुंबई में एक मेट्रो कारशेड प्रोजेक्ट (Metro Car Shed Project) को लेकर है. शुक्रवार को शिवसेना भवन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव टाकरे ने अपील की है कि मेट्रो-3 कार शेड प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी में शिफ्ट न किया जाए.
बता दें गुरुवार को शपथ लेते ही सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में अधिकारियों को आदेश दिया है कि आरे कॉलोनी में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट पेश करें. इससे पहले उद्धव सरकार ने इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से कंजूरमार्ग में शिफ्ट कर दिया था. हालांकि बाद में ये मामला कानूनी दांवपेच में फंस गया.
उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में आरे कॉलोनी मेट्रो विवाद को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी मुंबई को इस तरह धोखा न दे जैसे कि उन्हें दिया है. ठाकरे ने कहा कि मेट्रो कारशेड को कंजूरमार्ग से आरे कॉलोनी में शिफ्ट करने के प्लान से बहुत दुखी हैं. ठाकरे ने कहा, 'मैं दुखी हूं. अगर आप मुझसे नाराज हैं तो मुझपर निकालिए लेकिन मुंबई के दिल पर खंजर न चलाइए. ये किसी व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है.' बता दें कि साल 2019 में सत्ता संभालने के बाद उद्धव ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट से आरे कॉलोनी से शिफ्ट कर दिया गया था क्योंकि इससे संजय गांधी नेशनल पार्क और वन भूमि प्रभावित हो सकती थी.
क्यों बना विवाद की वजह
मुंबई मेट्रो 33.5 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बांद्रा सीपज अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के लिए MMRDA एक मेट्रो कार शेड बना रही है. ये मेट्रो प्रोजेक्ट शिवसेना और बीजेपी के बीच विवाद की वजह बन गया. यह मेट्रो शेड पहले आरे कॉलोनी में बन रहा था. शिवसेना इसको साल 2015 से ही आरे कॉलोनी से हटाकर दूसरी जगह पर शिफ्ट करने की मांग कर रही थी. ये मामला बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया.
आरे कॉलोनी क्या है?
आरे मुंबई शहर के अंदर बसा एक ग्रीन लैंड है. यहां पर लगभग 5 लाख पेड़ हैं और यहां जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. इस स्थान की हरियाली की वजह से इसे 'ग्रीन लंग ऑफ मुंबई' कहते हैं. शिवसेना का कहना है कि यहां मेट्रो कार शेड बनने से पेड़ काटे जाएंगे. वहीं, बीजेपी अबतक मानती है कि आरे ही एक मात्र वो जगह है जहां निर्धारित लागत और तय समय के अंदर मेट्रो शेड का निर्माण किया जा सकता है.