संस्थापक बाल ठाकरे के निधन के बाद शिव सेना की पहली वार्षिक दशहरा रैली पर पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि अगर उनमें कार्यकर्ताओं का विश्वास खत्म हो जाता है तो वो पद से हट जाएंगे.
उद्धव ने कहा, ‘जब आपको महसूस हो कि मैंने आपका विश्वास खो दिया तो मैं हट जाऊंगा. मैं यह मंच छोड़ने के लिए तैयार हूं.’ उद्धव का यह बयान दिग्गज शिव सेना नेता मनोहर जोशी की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने पार्टी सुप्रीमो की शैली की परोक्ष आलोचना की थी.
दिलचस्प बात यह है कि रविवार को जोशी मंच पर मौजूद थे और उन्हें मुख्य कार्यक्रम शुरू होने से पहले वहां से हटना पड़ा था क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी.
उद्धव ने फिर किया मोदी का समर्थन
उद्धव ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को अपने समर्थन की बात दोहराई और कहा कि भारत को एक मजबूत प्रधानमंत्री की जरूरत है. उद्धव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर पड़ गई है, इसलिए भारत का नेतृत्व करने के लिए एक ताकतवर व्यक्ति की आवश्यकता है.
मुस्लिम विरोधी नहीं है शिव सेना
ठाकरे ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर कहा कि शिवसेना मुस्लिम विरोधी नहीं है, लेकिन वह कांग्रेस द्वारा मुस्लिम वोट पाने के लिए तथाकथित तौर पर मुस्लिमों को फुसलाने की नीति का विरोध करती है. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए उद्धव ठाकरे ने केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के नेता शरद पवार की जमकर आलोचना की.
'पवार को मर रहे किसानों से ज्यादा क्रिकेट की चिंता'
ठाकरे ने कहा, 'शरद पवार को महाराष्ट्र में गरीबी के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों से ज्यादा क्रिकेट की चिंता रहती है. शरद पवार नरेंद्र मोदी की आलोचना करने की बजाय अपने भतीजे (अजित पवार) के भ्रष्टाचार के विरुद्ध क्यों नहीं बोलते?'