मालेगांव विस्फोट मामले में सुनवाई के दौरान एक और गवाह पलट गया. 2008 में हुए इस ब्लास्ट केस में यह 34वां गवाह था जो कोर्ट में अपने बयान से मुकर गया है. मामले की सुनवाई विशेष NIA Court में हो रही है. गवाह ने कहा कि उसके बयान बंदूक की नोक पर दर्ज कराए गए थे. गवाह एक पूर्व सैन्यकर्मी था जो कि कर्नल पुरोहित का जानकार था.मामले की अगली सुनवाई अब 6 अप्रैल को होगी. मालेगांव विस्फोट मामले में 20 गवाहों की गवाही और बाकी है, लेकिन इससे पहले 34 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं.
दबाव डालकर लिए गए बयान
गवाह कर्नल पुरोहित को जानने वाला था. एटीएस द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया था, यहां तक कि मजिस्ट्रेट के सामने उसका 164 बयान भी किया गया था जहां उसने पहले यह कहा था कि, वह कई मौकों पर पुरोहित से मिले थे. एक बार पुरोहित के साथ यात्रा कर रहे थे, तब उन्हें फोन आया था कि साध्वी को गिरफ्तार कर लिया गया है.' एनआईए ने उनका बयान दर्ज नहीं किया था. अब उन्होंने 5 अप्रैल को कहा कि उन्होंने अपना बयान दबाव में दिया था, क्योंकि उन पर दबाव डाला गया था और उन्होंने जो कुछ भी कहा था, उससे इनकार कर दिया.
मालेगांव ब्लास्ट में ये लोग हैं आरोपी
मामले के आरोपियों में बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं, जो जमानत पर बाहर हैं.
2008 में हुए धमाके में छह की हो गई थी मौत
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास बाइक से बंधा विस्फोटक फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे. मालेगांव उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर है. धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस थाने में मामले दर्ज किए गए थे.