1993 मुंबई बम धमाके के दोषी
याकूब मेमन ने अपने डेथ वॉरंट को चुनौती देते हुए जो याचिका दाखिल की थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. टाडा कोर्ट ने मेमन का डेथ वॉरंट जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें याकूब की सजा पर स्टे मांगा गया है. यूनिवर्सिटी ने डेथ वॉरंट को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन बताते हुए याचिका दाखिल की है.
ओवैसी को मिला बिट्टू का साथ
उधर, याकूब मेमन को फांसी का विरोध कर रहे एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी को बेअंत सिंह के पोते का साथ मिला है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के बेटे और कांग्रेस कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने ओवैसी की मांग का समर्थन किया है.
याद रहे कि बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं. बेअंत सिंह की 1995 में संदिग्ध खालिस्तानी आतंकियों ने हत्या कर दी थी.
लुधियाना से कांग्रेस सांसद बिट्टू ने कहा कि एमआईएम सांसद ओवैसी ने जो बात कही है, उसमें दम है. उन्होंने पूछा, 'बेअंत सिंह और राजीव गांधी के हत्यारों को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई?'
रवनीत बिट्टू ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोर्ट धर्म के आधार पर फैसला करता है. लेकिन सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए. फांसी की सजा में या तो कोई भेदभाव न हो या सभी दोषियों को फांसी दी जाए.'
मुसलमान है मेमन, इसलिए हो रही फांसी: ओवैसी
गौरतलब है कि एमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने इस ओर कड़ी आपत्ति जताई है. ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धर्म को आधार बनाकर फांसी दे रही है.
ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि सरकार मजहब को आधार बनाकर फांसी की सजा तय रही है. उन्होंने कहा, 'फांसी की सजा मजहब को आधार बनाकर दी जा रही है. याकूब मेमन को फांसी क्यों दी जा रही है. अगर सूली पर चढ़ाना ही है तो राजीव गांधी के हत्यारों को भी चढ़ाया जाए. इस तरह मजहब को आधार नहीं बनाया जाए.'
30 जुलाई को होनी है फांसी
गौरतलब है कि मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी लगना अब तय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव याचिका को मंगलवार को खारिज कर दी है, उसे 30 जुलाई को फांसी दी जाएगी.
तकरीबन 22 साल पहले 12 मार्च 1993 को मुंबई में सीरियल धमाके किए गए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 लोग घायल हो गए थे. इन धमकों के पीछे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हाथ था. याकूब मेमन 'डी' कंपनी का सबसे बड़ा सिपहसालार है और यही मुंबई धमाकों का सबसे बड़ा प्लांटर भी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की याचिका को खारिज करते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है.