1993 मुंबई धमाके के दोषी याकूब मेमन की फांसी के मद्देनजर मुंबई और नागपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उधर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर हर प्रदेश को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
याकूब को गुरुवार सुबह 7 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी जाएगी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका एक बार फिर ठुकरा दी.
'कोई बयान न दें धार्मिक नेता'
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी मुंबई में मुस्लिम धार्मिक और सामुदायिक नेताओं से फांसी के बाद याकूब को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या भाषण न देने का अनुरोध किया. सूत्रों ने कहा कि अगर कोई भड़काऊ भाषण या टिप्पणी की गई तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी.
सभी पुलिस कमिश्नरों, एडिशनल कमिश्नरों और असिस्टेंट कमिश्नरों को शहर के संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है. पुलिस के त्वरित प्रतिक्रिया दलों को भी माहिम इलाके में स्थित मेमन परिवार के आशियाने अल हुसैनी इमारत समेत कुछ जगहों पर तैनात किया गया है. इन दलों का गठन 26-11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद किया गया था. एहतियाती उपाय के तौर पर पुलिस ने कई शरारती तत्वों को हिरासत में लिया है जिनका पुलिस रिकार्ड है.
हर तरफ पुलिस की टीमें तैनात
उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 1993 के मुंबई विस्फोट मामले के दोषी याकूब मेमन को गुरुवार को प्रस्तावित फांसी की सजा के मद्देनजर राज्य में उच्च स्तरीय सतर्कता के निर्देश जारी कर दिए हैं.
पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव ने कहा, 'याकूब को प्रस्तावित फांसी के मद्देनजर सभी जोनल पुलिस महानिरीक्षकों उप महानिरीक्षकों तथा जिला पुलिस कप्तानों को उच्च स्तरीय सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गए हैं.' उन्होंने कहा कि सबंधित सभी अधिकारियों को कानून-व्यवस्था बनाये रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिये अराजक तत्वों पर नजर रखने और हर स्तर पर चौकस रहने को कहा गया है.
यादव ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों मसलन सिनेमा हॉलों, मॉल्स, बस और रेलवे स्टेशनों पर सघन जांच कराई जाए.
उन्होंने कहा है कि कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने की जिम्मेदारी जिला प्रशासनों की है और इसमें किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी.