बाला साहेब ठाकरे का अंदाज उन्हें हिंदू ह्रदय सम्राट बनाता था. ये वो दौर था जब हिंदुओं की बात को इतने सीधे और सपाट ढंग से रखने वालों में बाला साहेब ठाकरे का कोई मुकाबला नहीं था. बाल ठाकरे की यही बातें शिवसेना की पहचान थी, जिससे दूर होने का आरोप लगाकर एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में सबसे बड़ी बगावत कर दी है. गुवाहाटी में शिंदे के शक्ति प्रदर्शन को ठाकरे परिवार मुंबई से लाचार होकर देख रहा है. बाला साहेब के रहते किसी शिवसैनिक में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो पार्टी में रहते हुए ठाकरे परिवार को आंख दिखाए. लेकिन बकौल शिंदे आज ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि बाला साहेब ठाकरे का बेटा ही उनके आदर्शों से दूर चला गया है.