बगावत कई पार्टियों में हो चुकी है. देश में अब तक ऐसे तीन किस्से मिलते हैं, जब बगावत के बाद उस पार्टी पर बागी गुट ने ही कब्जा जमा लिया. बगावत तो शिवसेना में पहले भी हुई है. 1990 में 18 विधायक के साथ शिवसेना से छगन भुजबल बाहर निकले थे. पार्टी नहीं टूटी थी. 2005 में दावा होता है कि 40 विधायकों के साथ अलग होकर नारायण राणे की शिवसेना को बांट देने की कोशिश कामयाब नहीं हुई थी. अब 2022 में तीसरे पुराने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अलग हुए हैं, जिनके साथ शिवसेना के ज्यादातर विधायक हैं. जो खुद को असली शिवसेना, बाल ठाकरे की शिवसेना कहते हैं. अब क्या होगा शिवसेना का? देखें ये रिपोर्ट.
Rebellion has taken place in many parties. Rebellion has happened in Shiv Sena in the past as well. But the party never broke. But now a strong leader of Shiv Sena Eknath Shinde has separated, with whom most of the Shiv Sena MLAs are. They call themselves the real Shiv Sena. Watch this report.