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पूरे चीन-PAK से यूक्रेन-मेडागास्कर तक हमला कर सकता है भारत का ये हथियार

India's Most Dangerous Weapon
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अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) को डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. इस मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर से ज्यादा मानी जाती है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है. (फोटोः DRDO)

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है. (फोटोः DRDO)

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. अगर टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है तो उसका बचना मुश्किल है. (फोटोः विकिपीडिया)

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करते हैं. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में पहली बार योजना बनाई थी. (फोटोः गेटी)

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भारत अगर इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप का कुछ हिस्सा, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया तक हमला कर सकता है. इस मिसाइल की सबसे खास बात है इसकी MIRV तकनीक (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स). इस तकनीक में मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड (Warhead) की संख्या बढ़ाई जा सकती है. यानी एक मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना लगा सकता है. (फोटोः विकिपीडिया)

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) की तैनाती स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) में की गई है. इस कमांड के तहत ही भारत की सभी मिसाइलों का संचालन किया जाता है. इसमें पृथ्वी, अग्नि और सूर्य जैसी मिसाइलें शामिल हैं. सूर्य मिसाइल अभी बनी नहीं है. इसकी रेज 12 से 16 हजार किलोमीटर होगी. उससे पहले अग्नि-6 बनाई जाएगी जो 8 से 12 हजार किलोमीटर रेंज की होगी. इसी कमांड में समुद्र में मौजूद सैन्य मिसाइलें भी शामिल हैं. जैसे- धनुष, सागरिका आदि. (फोटोः विकिपीडिया)

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. अग्नि-5 मिसाइल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है. (फोटोः गेटी)

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50 हजार किलोग्राम वजन वाली अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम का कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम नियंत्रित करता है. यह इस मिसाइल पर ही लगा होता है. इसे सिस्टम ऑन चिप (SOC) आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहते हैं. MIRV तकनीक यानी मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते है. यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले अलग-अलग 2 से 10 टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकता है. (फोटोः DRDO)

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