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ढाई-ढाई KG के दोनों हाथ, 'शैतान का बच्चा' कहकर चिढ़ाते थे लोग...कलीम ने तानों को बनाया ताकत

हाथों की वजह से चर्चा में कलीम
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हाथों का वजन ढाई-ढाई किलो, उससे भी भारी उन तानों का वजन जो आसपास के लोग देखकर मारा करते थे. 12 साल के कलीम ने बचपन से ही सब झेला, लेकिन वक्त के साथ उन्होंने अपनी कमजोरी को ही ताकत बना लिया. अब कलीम सोशल मीडिया (mohhamad_asif_razwi) पर एक्टिव हैं और यहां उन्हें भरपूर प्यार मिल रहा है. कलीम को अब अपनी 'कमजोरी' का अहसास नहीं होता क्योंकि उनके सामने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने का सपना है.

बचपन से ही कुछ अलग थे मोहम्मद कलीम के हाथ
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झारखंड के बोकारो शहर में रहने वाले मोहम्मद कलीम के हाथ बचपन से ही कुछ अलग थे. परिवारवाले उस वक्त समझ नहीं पाए. बाद में इलाज कराने की कोशिश भी की, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा.

घर में कौन-कौन
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कलीम के पिता मोहम्मद शमीम घरों में लिपाई-पुताई का काम करते हैं, वहीं मां गृहिणी हैं. कलीम के परिवार में उनकी एक बहन और एक छोटा भाई भी है.

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कैसे आया सोशल मीडिया पर एक्टिव होने का आइडिया
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कलीम के हाथों में दिक्कत होने की वजह से वह खुद फोन ठीक से नहीं चला पाते हैं. कलीम अपने चाचा की इंस्टाग्राम आईडी (mohhamad_asif_razwi) पर वीडियोज पोस्ट करते हैं. कलीम ने बताया कि उनके चाचा ने ही सोशल मीडिया पर विडियोज बनाने का आइडिया कलीम को दिया था. कलीम के साथ वीडियोज में आसिफ भी दिखाई देते हैं.

अब धीरे-धीरे बदल रही लोगों की सोच
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लोगों के तानों पर बात करते हुए कलीम कहते हैं कि पहले आसपास के बच्चे, स्कूल के बच्चे उनको चिढ़ाते थे. कुछ ने तो 'शैतान का बच्चा' तक कहा. बड़े तक पास नहीं आते थे. लेकिन धीरे-धीरे चीजें बदलीं और अब बच्चे उनके साथ अच्छे से घुल-मिल कर रहते हैं, साथ खिलाते भी हैं.

इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहते हैं कलीम
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कलीम को किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है? इसपर बात करते हुए वह कहते हैं, 'परेशानी तो मुझे खासकर कपड़े पहनने में आती है, बाकी खाने-नहाने आदि में मां मदद कर देती है. अब उतनी दिक्कत नहीं होती.' इंस्टाग्राम अकाउंट (mohhamad_asif_razwi) पर कई ऐसे वीडियोज हैं जिनमें कलीम कसरत करते, अपना खाना खुद खाते दिखाई देते हैं.

'जैसा हूं खुश हूं'
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क्या उन्होंने कभी अपने इलाज के बारे में नहीं सोचा? इसपर कलीम कहते हैं कि एक रईस शख्स ने उनके इलाज पर पैसा खर्च भी किया था लेकिन उससे कुछ बदला नहीं. हाथ पहले जैसे ही रहे, और अब वह इलाज के बारे में ज्यादा सोचते भी नहीं. कलीम कहते हैं, 'जो भी मुझे चिढ़ाते थे मैं उनसे यही कहता था कि भाई मुझे कुदरत ने, अल्लाह ने ऐसा बनाया है इसमें मैं क्या कर सकता हूं.

8वीं तक पढ़े हैं कलीम
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अपने भविष्य के बारे में कलीम क्या सोचते हैं? इसपर उन्होंने कहा, 'पढ़ाई में मेरा खासा मन नहीं लगता. मैं 8वीं तक पढ़ा हूं. अब आगे सोशल मीडिया से जुड़ा ही कुछ करना चाहता हूं. कोशिश रहेगी कि लोगों का मनोरंजन करके अच्छा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनूं.'

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