तमिलनाडु के कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सवार थे. बताया जा रहा है कि सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे. हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे. सूत्रों के मुताबिक, मिलिट्री हॉस्पिटल में 11 शव पहुंचे हैं.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, MI सीरिज का सेना का यह हेलिकॉप्टर कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस से कुन्नूर के वेलिंगटन जा रहा था. अचानक मौसम बिगड़ जाने के कारण हादसा हो गया. हेलिकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी, रक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडो और पायलट समेत कुल 14 लोग सवार थे.
(फाइल फोटो- सीडीएस जनरल बिपिन रावत)
स्थानीय सैन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उन्हें बताया गया है कि स्थानीय लोग 80 प्रतिशत जले हुए दो शवों को स्थानीय अस्पताल ले गए हैं. दुर्घटना के क्षेत्र में कुछ शवों को नीचे की ओर देखा जा सकता है. शवों को निकालने और पहचान की जांच के प्रयास जारी है.
(फाइल फोटो- पत्नी मधुलिका रावत के साथ सीडीएस बिपिन रावत)
इस हादसे पर वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'एक IAF Mi-17V5 हेलिकॉप्टर, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आज दुर्घटना का शिकार हो गया. इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत सवार थे. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं.'
हेलिकॉप्टर में CDS समेत यह लोग थे सवार
जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, उसमें 14 लोग सवार थे. इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, बिग्रेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरेश्वर सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा और हवलदार सतपाल शामिल हैं. यह सभी सीडीएस का स्टाफ है.
कैसे हुआ हादसा
हेलिकॉप्टर क्रैश की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. जिस जगह हादसा हुआ है, वह इलाका काफी घना है. यहां आसपास चारों ओर पेड़ ही पेड़ हैं. हादसा इतना दर्दनाक था कि चारों तरफ आग की लपटें नजर आ रही हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
कौन हैं जनरल बिपिन रावत
जनरल बिपिन रावत देश के देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं. इससे पहले थल सेना प्रमुख थे. उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के रहने वाले जनरल बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है. उनके पिता रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत 1988 में उप सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए.
(फाइल फोटो- सीडीएस जनरल बिपिन रावत)
जनरल बिपिन रावत को 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन में कमीशन मिला था. उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी में उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर मिला. वह 1986 में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इंफैंट्री बटालियन के प्रमुख थे. राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिवीजन की अगुआई भी की.
(फाइल फोटो- सीडीएस जनरल बिपिन रावत)
जनरल बिपिन रावत ने कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी किया. 1 सितंबर 2016 को उन्होंने थल सेना के उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके तीन महीने बाद ही यानी 1 दिसंबर को उन्हें थल सेना का प्रमुख बना दिया गया था. 27 सितंबर 2019 में वह चीफ ऑफ स्टाफ कमिशन के चेयरमैन बने. फिर 31 दिसंबर 2019 में वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बने.
(फाइल फोटो- सीडीएस जनरल बिपिन रावत)