सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) नहीं रहे. तमिलनाडु के कुन्नूर में 08 दिसंबर 2021 को हेलिकॉप्टर क्रैश में रावत समेत 13 लोगों की मृत्यु हो गई. हेलिकॉप्टर में रावत के अलावा उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे. सीडीएस बिपिन रावत के जीवन का एक बड़ा हिस्सा भारतीय सेना की सेवा में गुजरा. वो ऊंचाई पर जंग लड़ने (हाई माउंटेन वॉरफेयर) के एक्सपर्ट थे.आइए जानते हैं उनके करियर और लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें.
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था. बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी ज्वॉइन की थी. उन्होंने 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्टडीज में पीएचडी की डिग्री हासिल की.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है. साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ रावत के नेतृत्व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी. बिपिन रावत ने इस मिशन को ट्रेंड पैरा कमांडोज के माध्यम से अंजाम दिया था.
उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले में कई जवानों के शहीद होने के बाद सेना ने पलटवार करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की थी. बिपिन रावत ने आर्मी सर्विस के दौरान एलओसी, चीन बॉर्डर और नॉर्थ-ईस्ट में एक लंबा वक्त गुजारा था.
बिपिन रावत ने पहले कश्मीर घाटी में नेशनल राइफल्स में ब्रिगिडेयर और बाद में मेजर-जनरल के तौर पर इंफेंट्री डिवीजन की कमान संभाली. साउथ कमांड की कमान संभालते हुए उन्होंने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइजड-वॉरफेयर के साथ-साथ एयरफोर्स और नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाया. बिपिन रावत ने चाइनीज बॉर्डर पर कर्नल के तौर पर इंफेंट्री बटालियन की कमान भी संभाली.
बिपिन रावत को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में 'सोर्ड ऑफ ऑनर' से नवाजा जा चुका है. रावत ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय सेना के 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दीं.
बिपिन रावत ने 01 सितंबर 2016 को आर्मी के वाइस चीफ का पद संभाला. उन्हें 31 दिसंबर 2016 को इंडियन आर्मी के 26वें चीफ की जिम्मेदारी मिली. अशांत इलाकों में काम करने के अनुभव को देखते हुए सरकार ने उन्हें दो वरिष्ठ अफसरों पर तरजीह देते हुए सेना प्रमुख बनाया था.