scorecardresearch
 
Advertisement
न्यूज़

दरवाजे पर लटके, टॉयलेट के पास बैठने को मजबूर! ट्रेनों में छठ पूजा के लिए जा रहे यात्रियों का हाल-बेहाल

छठ में इस तरह घर जाने को मजबूर यात्री
  • 1/10

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत कल यानी 17 नवंबर से हो रही है. इस पूजा में शामिल होने के लिए यूपी, बिहार और झारखंड के श्रद्धालु ट्रेनों के माध्यम से अपने घरों को लौट रहे हैं.

ट्रेनों में भीड़
  • 2/10

यात्रियों की भारी भीड़ के चलते ट्रेनें ठसाठस भरी हुई हैं. आलम यह है कि कोई गैलरी में बैठा है तो कोई टॉयलेट के दरवाजे के पास खड़े होकर सफर कर रहा है. जिसको ट्रेन के अंदर जगह नहीं मिली वह दरवाजे के हैंडल पर लटकर सफर करने को मजबूर है.

भारतीय रेलवे
  • 3/10

ट्रेन के डिब्बों के अंदर इतनी भीड़ है और दरवाजे पर यात्री भरे हुए हैं. जिसकी वजह से लोग इमरजेंसी विंडो को दरवाजे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. दिल्ली-हावड़ा रेल रूट के सर्वाधिक व्यस्ततम रेलवे स्टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे लोग जानवरों की तरह ट्रेन में ठुसे हुए हैं. 

Advertisement
छठ में ट्रेनों में भीड़
  • 4/10

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन को बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है क्योंकि इस स्टेशन से होकर दिल्ली,मुंबई, राजस्थान और गुजरात की तरफ से तमाम ट्रेनें गुजरती हैं. छठ पूजा का त्योहार है और यूपी, बिहार और झारखंड के लोग ट्रेनों के माध्यम से पूजा में शामिल होने के लिए अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ हो रही है. 

इमरजेंसी विंडो को ही दरवाजे के रूप में इस्तेमाल कर रहे लोग
  • 5/10

अजमेर से चलकर सियालदह जाने वाली ट्रेन के डिब्बों के अंदर तिल रखने की जगह नहीं है और दरवाजे पर लोगों का हुजूम है. ऐसे में ट्रेन में चढ़ने को लेकर लोग जद्दोजहद करते दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं जो लोग पहले से ही ट्रेन में सवार हैं और उन्हें अगर ट्रेन से नीचे उतरना है, तो वह लोग भीड़ के चलते दरवाजे तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं और इमरजेंसी विंडो को ही दरवाजे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. 

'न बैठने की जगह, न चलने की...टॉयलेट जाना हो तो कैसे जाएंगे', छठ में ट्रेन की भीड़ में घुसे यात्रियों का दर्द

इमरजेंसी विंडो से बाहर आ रहे यात्री
  • 6/10

तस्वीर में एक युवक इमरजेंसी विंडो से बाहर उतर रहा है. इनका नाम पंकज कुमार है और यह टॉयलेट करने के लिए इमरजेंसी विंडो से बाहर उतर रहे हैं. जब हमने इस युवक से इसका कारण पूछा तो इन्होंने बताया कि ट्रेन के अंदर इतनी भीड़ है कि दरवाजे और टॉयलेट तक पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है.

भारतीय रेलवे
  • 7/10

वहीं, नई दिल्ली से चलकर हावड़ा जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस की हालत भी बाकी उन सभी ट्रेनों की तरह ही है, जो दिल्ली, मुंबई, गुजरात और राजस्थान की तरफ से आ रही हैं और बिहार की तरफ जा रही हैं. इस ट्रेन के डिब्बों में भी तिल रखने की जगह नहीं दिखाई दे रही है और लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए मशक्कत करते दिखाई दे रहे हैं. 

छठ के मौके पर ट्रेनों में भीड़
  • 8/10

कुल मिलाकर चाहे पूर्वा एक्सप्रेस हो, मगध एक्सप्रेस हो या फिर अजमेर सियालदह एक्सप्रेस, बिहार की तरफ जाने वाली सभी ट्रेनों में पहले से ही काफी भीड़ आ रही है, जिसकी वजह से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर मौजूद लोग ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे हैं. 

भारतीय रेलवे
  • 9/10

आजतक से बातचीत में यात्री संतोष विश्वकर्मा ने बताया कि वो परिवार के साथ किसी ट्रेन से मुंबई से आए थे. इनको पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से ट्रेन बदलकर गया जाना था. अजमेर सियालदह ट्रेन जब यहां पहुंची तो ट्रेन में पहले से ही इतनी भीड़ थी कि संतोष विश्वकर्मा अपने परिवार के साथ ट्रेन में चढ़ ही नहीं पाए.

Advertisement
ट्रेनों में भीड़
  • 10/10

बता दें, सरकार ने छठ पूजा के चलते स्पेशल ट्रेनें तो चलवा दीं, लेकिन यात्रियों को अभी भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. कोई टॉयलेट के पास सामान रखकर, वहीं बैठकर सफर करने को मजबूर है तो कोई दरवाजे पर समान के साथ खड़ा होकर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहा है. दिव्यांग भी टॉयलेट के पास बैठ सफर करने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि अंदर इतनी उमस है कि खाना-पीना भी मुहाल है. बुजुर्ग महिलाएं सिर पर सामान ढोए खड़े-खड़े सफर कर रही हैं. 

Advertisement
Advertisement