लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव बना हुआ है. सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद भी इस मुद्दे का कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है. इस बीच चीन ने लद्दाख की सीमा वाले क्षेत्रों में मौजूदा सड़कों के वैकल्पिक मार्ग के लिए तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए त्वरित टुकड़ी को जुटाने में लगने वाले समय इससे कम हो जाएगा.
सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिला है कि पीएलए पूर्वी लद्दाख के उत्तर-पूर्व में नई सड़क तैयार कर रहा है. इसमें ल्हासा से काशगर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 219 (G219) का पिछला हिस्सा भी शामिल है. पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों से गुजरने वाली इन सड़क को निर्माण 1950 के दशक के मध्य में शुरू किया गया था जो 1957 तक पूरा हुआ. सड़क का निर्माण भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत थी जो अंततः 1962 के युद्ध का कारण बना.
युद्ध के बाद चीन ने नई सड़क G219 के जरिए पश्चिम के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था. G219 पर चीनी युद्ध स्मारक इस बात की याद दिलाता है कि कैसे भारतीय सेना इस क्षेत्र में बहुत ही बहादुरी से लड़ी. तब से, दोनों देशों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे को शक के साथ एक-दूसरे की नजर में देखा जाता है. भारत का सड़क निर्माण भी लद्दाख में मौजूदा तनाव का एक कारण माना जाता है.
चूंकि पूरा लद्दाख काफी दुर्गम क्षेत्र है और पूर्वी लद्दाख में जाने के लिए चीन के पास एकमात्र सड़क G219 है. ऐसे में किसी संघर्ष की स्थिति में चीन के लिए अपने सैनिकों को वहां पहुंचाना और पीएलए के लिए अपनी टुकड़ी और साजोसमान को वहां तक ले जाना बेदह मुश्किल होता है. अगर इस क्षेत्र में भारत की बात करें तो सेना के ज्यादातर मूवमेंट के लिए वायुसेना का उपयोग किया जाता है.
जो नई सड़क बनाई जा रही है उसको लेकर पीएलए को लगता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले हिस्से का महत्व बेहद अहम है क्योंकि प्राकृतिक घटनाओं जैसे कि भूस्खलन, अचानक बमबारी और गोलाबारी जैसे प्रतिकूल हवाई खतरों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसी भी आपात स्थिति के दौरान बलों के स्विचिंग और पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों में भेजने के लिए इन पिछले हिस्सों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है. चीन की तरफ से इस क्षेत्र में पीएलए के लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट को भी बदल दिया जाएगा जिससे भारत की परिचालन योजनाओं की पूरी गतिशीलता पर अंकुश लग जाएगा.
पीएलए ने पिछले दो वर्षों में सैन्य मूवमेंट को आज़माने के लिए इन सड़कों पर कई सैन्य अभ्यास किए हैं. चीन ने हॉटन और कांग्सीवा के बीच पहली सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है, जिसे अब G580 प्रांतीय राजमार्ग नाम दिया गया है. जो नई सड़क बनाई गई है वो औसतन 10 मीटर चौड़ी और 190 किमी लंबी है. केवल एक ही जगह है जहां सड़क 5200 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ के पार जाती है. इस मार्ग पर सैनिकों के रहने और ड्यूटी के लिए पीएलए ने कई स्थानों को तैयार किया है. इस नई सड़क से मार्ग होटन और पूर्वी लद्दाख के प्रवेश बिंदु हाजी लंगर के बीच की दूरी को लगभग 400 किमी कम हो जाती है.