वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का अंतरिम बजट 2024-25 में रेलवे को लेकर कुछ खास ऐलान किए. इसमें उन्होंने 40 हजार नॉर्मल रेल डिब्बों को वंदे भारत स्टैंडर्ड ट्रेनों में बदलने की बात भी कही. आइये जानते हैं, साधारण ट्रेनों से कितनी अगल हैं वंदे भारत स्टैंडर्ड ट्रेनें और क्या है इनकी खासियत.
वंदे साधारण ट्रेन, एक नई प्रकार की ट्रेन है जिसे 2023 में भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किया गया था. ये एक नॉन-एसी, स्लीपर क्लास ट्रेन है, जिसे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में अधिक किफायती बनाया गया है.
वंदे साधरण ट्रेन में कई विशेषताएं हैं जो इसे यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बनाती हैं. इसमें 22 डिब्बे हैं और यह एक साथ 1,834 यात्रियों को ले जा सकती है.
ट्रेन बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स, यात्री सूचना प्रणाली और चार्जिंग पॉइंट जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस है. ये ट्रेन नारंगी और ग्रे रंग की हैं.
इसमें कोचों के बीच सीलबंद गैंगवे, सीसीटीवी कैमरे, सेंसर-आधारित नल, इलेक्ट्रिक आउटलेट, एलईडी लाइट, आधुनिक स्विच और पंखे भी हैं. इसके अलावा, हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग पोर्ट होंगे.
इन ट्रेनों में 12 स्लीपर नॉन-एसी कोच, आठ जनरल कोच और दो लगेज कोच हैं. यह ट्रेन 130 प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है.
वंदे साधरण ट्रेन को कम बजट वाले यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं.
यह वंदे भारत ट्रेन की तुलना में अधिक किफायती है और इसमें कई आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. वंदे साधारण ट्रेनों को वंदे भारत ट्रेनों का सस्ता वर्जन कहा जा सकता है. हालांकि इसमें नॉर्मल ट्रेनों से ज्यादा सुविधाएं हैं.
वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी/घंटा है, जबकि वंदे साधारण ट्रेन की अधिकतम गति 130 किमी/घंटा है.