Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में मौजूद कूनो नेशनल पार्क में आखिरकार चीतों का आगमन हो गया. नामीबिया से लाए आठ चीतों में से तीन को बाढ़े में रिलीज किया गया. पीएम मोदी ने एक बार फिर भारत की धरती पर चीतों को मौजूदगी पर बहुत खुशी जाहिर की है और पूरे देशवासियों को शुभकामनाएं दीं.
कूनो पहुंचने पर पीएम मोदी ने वहां के स्टाफ और चीता मित्रों से भी मुलाकात की. लोगों के बीच बैठकर कर समय बिताया और उनके काम के बारे में पूछा.
कूनो नेशनल पार्क पहुंचे पीए मोदी ने चीतों की देखरेख करने वाली टीम से बात की. नामीबिया से लेकर भारत और फिर कूनो नेशनल पार्क आने तक विशेषज्ञों की टीम चीतों के साथ मौजूद रही और लगातार उन पर नजर बनाए रखी.
PM ने कहा है कि ''अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है. कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा.
कूनो पहुंचे पीएम मोदी के साथ मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई दूसरे लोग मौजूद रहे. चीतों को रिलीज करने बाद पीएम मोदी ने दूसरे कार्यक्रमों में भी शिकरत की.
कूनों में लाए गए चीते 2 से 5 साल के बीच हैं. कूनों को चीतों के लिए इसलिए चुना गया है कि क्योंकि यहां चीतों के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था है साथ ही यहां का माहौल चीतों के लिए अनुकूल है.
नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया है. इनमें पांच फीमेल चीता हैं औऱ तीन मेल चीते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कूनों में इतनी जगह उपलब्ध है कि यहां 32-36 चीतों को रखा जा सकता है.
मध्यप्रदेश में श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से चीतों को लाकर बसाया जाएगा. यहां आसपास रहने वाले लोग चीतों से डरकर उन्हें नुकसान न पहुंचाएं, इसके लिए सरकार ने यहां 'चीता मित्र' बनाए हैं. कुल 90 गांवों के 457 लोगों को चीता मित्र बनाया गया है और इनमें से सबसे बड़ा नाम है रमेश सिकरवार का, जो पहले डकैत थे और उनपर करीब 70 हत्याओं का आरोप था. लेकिन अब रमेश सिकरवार चीतों की रक्षा करते नजर आएंगे.
कूनो में चीतों के रिलीज के बाद पीए मोदी ने उनकी तस्वीरें भी कैद कीं. PM ने कहा है कि '' आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं. और मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है. मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं.''
पीएम मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर कूनो में चीतों को रिलीज किया है. पीएम ने कहा है कि, '' पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी.''
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरिया में आखिरी तीन चीतोंं का शिकार होने के बाद देश में कोई भी चीता नहीं बचा था. साल 1952 में देश में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. अब 74 साल बाद फिर से भारत की धरती पर चीते अपनी तेज रफ्तार दौड़ते नजर आएंगे.
नामीबिया से कूनो लाए गए चीतों के स्पेशल बाड़ा तैयार किया गया है. यहां 6 वर्ग किलोमीटर के इलाके को सात अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है. जो पूरी तरह से सुरक्षित है. चारों तरफ फेंसिंग की गई है. ये हिस्से 0.7 वर्ग मीटर से लेकर 1.1 वर्ग किलोमीटर आकार के हैं. नर और मादा चीतों को अलग-अलग बाड़ों में रखा जाएगा. बाड़े इस तरह से तैयार किए गए हैं कि उन पर दूसरे जानवर हमला न कर सकें.
कूनो नेशनल पार्क चीतों के जो शावक पैदा होंगे, शुरुआत के 16-17 महीनों तक उनको रेडियो कॉलर्स लगाए जाएंगे. रेडियो कॉलर्स के जरिए उनके शिकार करने के तरीके, मूवमेंट, संघर्ष और मृत्युदर को भांपने के लिए इन कॉलर्स की जरूरत पड़ेगी. रेडियो टेलिमेट्री के जरिए चीतों की मॉनिटरिंग से उनके रहवास का सही पता चलेगा. जानकारी मिलने के बाद कॉलर्स हटा दिए जाएंगे.