Indian Navy तेजी से खुद को अपग्रेड कर रही है. स्वदेशी हथियार, युद्धपोत और पनडुब्बी बनाईं जा रही हैं. नौसेना INS Vikrant की तरह एक नया एयरक्राफ्ट करियर बनाने जा रही है. जो ठीक उसी आकार, वजन और डिस्प्लेसमेंट का होगा. लेकिन ज्यादा आधुनिक, ताकतवर और घातक होगा. स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर (Indigenous Aircraft Carrier - IAC) के रिपीट ऑर्डर का फायदा समझिए... (सभी फोटोः PTI)
अभी भारत के पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं. पहला INS Vikramaditya और दूसरा INS Vikrant. दोनों ही युद्धपोत दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ विमानवाहक युद्धपोतों में शामिल हैं. विक्रांत जैसा एयरक्राफ्ट करियर बनने से हम चीन की नौसेना की बराबरी कर लेंगे. उसके पास भी तीन एयरक्राफ्ट करियर हैं. पाकिस्तान के पास एक भी नहीं.
INS Vikrant जैसा एक और एयरक्राफ्ट करियर भारतीय नौसेना की ताकत में कई गुना बढ़ा देगी. दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में पावर बैलेंस बनाएगी. पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर को बनने में 13 साल लग गए थे. लेकिन नया बनने में इतना समय नहीं लगेगा. यह आधे समय भी बन सकता है.
इसलिए नया करियर बनाना आसान होगा. समय की बचत होगी. वाजिब लागत होगी. साथ ही इसे ज्यादा घातक, आधुनिक और भरोसेमंद बनाया जा सकेगा. अगर विक्रांत जैसा भी एक करियर बनकर तैयार हो जाता है तो भारत की धाक पूरी दुनिया में बढ़ जाएगी. विक्रांत में बराक-8 और ब्रह्मोस मिसाइल लगाए जाने की खबर है. इसके अलावा कोस्टल बेस्ड एके-603 गन और ओटोब्रेडा कैनन लगे हैं.
आईएसी विक्रांत पर भारत के सबसे तेज और खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक मिग-29 मिकोयान तैनात है. अधिकतम 2400 KM/घंटा की गति से उड़ सकता है. इसकी रेंज 2100 किलोमीटर है. इसमें 7 हार्डप्वाइंट्स हैं. एमएच 60आर मल्टी रोल हेलिकॉप्टर भी तैनात हैं. इस पर दो MK 46, MK 50 या MK 54s टॉरपीडो लग सकते हैं. 4 से 8 AGM-114 हेलफायर मिसाइल लग सकती है. असल में यह एक एंटी-सबमरीन हेलिकॉप्टर है.
अब बात करते हैं INS Vishal एयरक्राफ्टर करियर की. इसे आधिकारिक तौर पर स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर 2 (Indigenous Aircraft Carrier - IAC 2) नाम दिया जाएगा. यह विक्रांत से बड़ा, ताकतवर और आधुनिक होगा. इसका डिस्प्लेसमेंट 65 से 75 हजार टन हो सकता है. इसमें 55 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकेंगे. (प्रतीकात्मक फोटोः ट्विटर)
INS Vishal पर तैनात होने वाले 55 एयरक्राफ्ट में से 40 फिक्स्ड विंग और 15 रोटरी विंग होंगे. यानी 40 फाइटर जेट और 15 हेलिकॉप्टर. संभावना है कि इसपर HAL द्वारा बनाया जाने वाला ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) तैनात किया जाए. ये भी संभावना है कि यह परमाणु ईंधन से चले. यानी लंबे समय तक समुद्र में यह तैनात किया जा सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
इसके अलावा भारतीय नौसेना 4 लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD) यानी लैंडिंग हेलिकॉप्टर डॉक को भी नौसेना में शामिल करना चाह रही है. ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इंजन पर चलने वाले जहाज होंगे. इनका वजन 30 से 40 हजार टन हो सकता है. इनमें 4 AK 630 गन लगी होगी.
इन जंगी जहाजों पर 8 मीडियम मशीन गन, 6 हैवी मशीन गन, 16 सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, 32 वर्टिकली लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल, दो हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर, 12 स्पेशन ऑपरेशंस हेलिकॉप्टर्स और दो NSUAS जैसी तकनीके, हथियार और विमान होंगे.
इंडियन नेवी हाई स्पीड लैंडिंग क्राफ्ट्स भी अपनी फ्लीट में शामिल करने जा रही है. ये 285 टन वजन के आसपास होंगे. छह क्राफ्ट्स को शामिल करने का प्लान है. इन्हें असॉल्ट मिशन में शामिल किया जाएगा. ताकि सैनिकों, हथियारों, गाड़ियों और यंत्रों को तेजी से समुद्र के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सके. ये शांति से चलने वाले जहाज होते हैं.