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Hawk MK 132: ये है इंडियन एयरफोर्स का वो जेट...जो पायलटों को 'अभिनंदन' बनाता है

Indian Air Force Hawk MK 132
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ये वो फाइटर जेट है, जिससे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पायलट 'हवाई लड़ाके' बनते हैं. ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान की तरह पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को हवा में ही नष्ट करने की काबिलियत सीखते हैं. निगरानी करना समझते हैं. दुश्मन के हवाई, जमीनी और नौसैनिक हमले का जवाब आसमान से मौत बनकर देते हैं. आइए जानते हैं कि ये फाइटर प्लेन सिर्फ ट्रेनिंग जेट है या इसका उपयोग जरूरत पड़ने पर युद्ध के दौरान किया जा सकता है. (फोटोः AFP)

Indian Air Force Hawk MK 132
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असल में ये फाइटर प्लेन की ट्रेनिंग देने वाला ट्रेनर जेट है. इसका नाम हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) है. भारतीय वायुसेना में इसे 23 फरवरी 2008 को शामिल किया गया था. ब्रिटिश कंपनी बीएई सिस्टम्स (BAE Systems) की तरफ से नवंबर 2007 से 2008 के बीच 24 ट्रेनर जेट भारत आए. साल 2008 से 2011 के बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 42 और एयरक्राफ्ट को देश में ही असेंबल किया. (फोटोः IAF/Twitter)

Indian Air Force Hawk MK 132
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साल 2010 में पता चला कि भारतीय वायुसेना को 40 और भारतीय नौसेना (Indian Navy) को 17 हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) मिलने वाले हैं. इन्हें भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने इन्हें बनाना शुरु किया. अगले 30 सालों तक इन विमानों के मेंटेनेंस के लिए GE एविएशन कंपनी के साथ HAL ने डील की. लेकिन वायुसेना स्पेयर कंपोनेंट्स के प्रावधानों को लेकर खुश नहीं था. इसके बाद 2011 में बीएई को स्पेयर पार्ट्स और ग्राउंड सपोर्ट का जिम्मा सौंपा गया. (फोटोः HAL/Twitter)

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हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की फ्लीट कर्नाटक के बिदर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात है. यह राजधानी बेंगलुरु से करीब 700 किलोमीटर दूर है. वायुसेना के पास 123 ट्रेनर जेट मौजूद हैं. नौसेना के पास 17 हैं. 20 और एयरक्राफ्ट पर बातचीत चल रही है. (फोटोः HAL) 

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हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) ऐसा ट्रेनिंग फाइटर जेट है, जिसका उपयोग दुनिया के 14 देश कर रहे हैं. अब जानते हैं कि इस फाइटर जेट की खासियतों के बारे में. इस फाइटर जेट में दो क्रू बैठते हैं. एक ट्रेनी फाइटर पायलट और दूसरा इंस्ट्रक्टर. इसकी लंबाई 40.9 फीट है. विंगस्पैन 32.7 फीट हैं. ऊंचाई 13.1 फीट है. इसका वजन 4480 किलोग्राम है. पूरी तैयारी के साथ यह 9100 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है. (फोटोः IAF/Twitter)

Indian Air Force Hawk MK 132
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हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) में मशहूर कार निर्माता कंपनी रोल्स रॉयस का टर्बोमेका अडोर एमके 951 टर्बोफैन इंजन लगा है. इसके साथ फैडेक तकनीक शामिल है. यह इंजन उड़ान के समय 29 किलोन्यूटन की ताकत प्रदान करती है. (फोटोः IAF/Twitter)

Indian Air Force Hawk MK 132
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हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की अधिकतम गति 1028 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह एक बार में 2520 किलोमीटर तक उड़ना भर सकता है. अधिकतम 13,565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. ऊंचाई पर जाने की इसकी गति 9300 फीट प्रति सेकेंड है. (फोटोः विकिपीडिया)

Indian Air Force Hawk MK 132
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ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ ट्रेनिंग में उपयोग किया जा सकता है. जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग संघर्षों में भी किया जा सकता है. हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) में 30 मिमी की ADEN तोप लगी है. जो ताबडतोड़ फायरिंग के लिए जानी जाती है. इसके अलावा इसमें पांच हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी पांच जगहों पर एडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर टू एयर मिसाइल (ASRAAM) लगाई जा सकती है. (फोटोः IAF/Twitter)

Indian Air Force Hawk MK 132
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हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) में दो Umbani या अल-तारिक बम लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा इसके अलावा एक 680 किलोग्राम का सेंटरलाइन बम या दो विंग पाइलोन पर लगाए जाने वाले बम फिट कर सकते हैं. हॉक ट्रेनर जेट का सबसे एडवांस्ड वर्जन है, हॉक 200 (Hawk 200). यह सिंगल सीटर हल्के वजन का मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. जो हवाई हमले के लिए उपयोग किया जा सकता है. (फोटोः Kamikaze/Twitter)

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भारतीय वायुसेना के हॉक एजेटी यानी हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर (Hawk AJT) 29 अप्रैल 2008 को बिदर एयरफोर्स स्टेशन पर क्रैश हो गया था. यह इस प्लेन का पहला हादसा था. इसके बाद 3 जून 2015 को पश्चिम बंगाल-ओडिशा की सीमा के पास बहराघोड़ा के पास क्रैश हुआ था. ज्यादातर देशों में इसका उपयोग फाइटर पायलटों की ट्रेनिंग के लिए होता है. लेकिन कुछ स्थानों पर इसकी तैनाती हल्के लड़ाकू विमानों के तौर पर भी की गई है. (फोटोः INS/Twitter)

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