देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों तक भारी बारिश से तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो पहाड़ों में 24 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार मचा है. दोनों पहाड़ी राज्यों के कई शहरों में भारी बारिश के कारण हालात बेकाबू हैं.
हिमाचल में भारी बारिश के बीच अचानक आई बाढ़ और कई जगहों पर भूस्खलन के कारण मंडी जिले की कई सड़कें बंद हैं. बल्ह, सदर, थुनाग, मंडी और लामाथच में अचानक आई बाढ़ के बाद घरों और दुकानों में पानी घुसने से काफी नुकसान हुआ है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सोमवार को मंडी जिले के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे. हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आए सैलाब में अब तक कई लोगों की जान चली गई. जबकि बहुत से लोग लापता भी हैं. इस बीच मौसम विभाग ने अभी बारिश का नहीं थमने का अनुमान जताया है.
हिमाचल प्रदेश में 30 अलग-अलग स्थानों से अचानक बाढ़ और तबाही की खबरें सामने आईं हैं. खबरों की मानें तो अचानक आई बाढ़ में कम से कम 15 घरों को नुकसान पहुंचा है.
इसके अलावा पठानकोट को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला चक्की रेलवे पुल भी ढह गया है. बता दें, इस साल बारिश से अब तक 225 लोगों की जान जा चुकी है.
हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश की आशंका जताते हुए भूस्खलन की चेतावनी जारी की है. लोगों को ऐसे मौसम में नदियों और नालों के पास न जाने की सलाह दी जा रही है.
उत्तराखंड में भी तबाही का कुछ ऐसा ही मंजर है. जौलीग्रांट हवाई अड्डे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. एयरपोर्ट की सड़क पर नदी जैसा नजारा है. इसके अलावा टापकेश्वर महादेव मंदिर के पास बाढ़ जैसे हालात हैं. सड़कों पर पानी लबालब है.
रायपुर ब्लाक में बादल फटने के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ ने बताया कि गांव में फंसे सभी लोगों को बचा लिया गया है, जबकि कुछ लोगों ने एक रिसॉर्ट में शरण ली है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के पास आपदा संभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों को लापता लोगों का पता लगाने और प्रभावितों को भोजन, पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा सड़कों पर फंसे लोगों को बचाने के निर्देश दिए हैं.