scorecardresearch
 
Advertisement
न्यूज़

कोई भी हवाई हमला पार नहीं कर पाएगा भारतीय वायुसेना के SPYDER का जाल

IAF Spyder Missile
  • 1/8

सीमा के आसपास अगर इस हथियार को लगा दिया जाए तो दुश्मन का कोई भी हवाई हमला निष्क्रिय किया जा सकता है. इसे ट्रक पर तैनात लॉन्चर से दागा जा सकता है. अन्य एयर डिफेंस सिस्टम की तुलना में ये हल्का लेकिन घातक और सटीक है. इस मिसाइल की से आप एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन्स या प्रेसिशन गाइडेस हथियारों को निशाना बना सकते हैं. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायुसेना)

IAF Spyder Missile
  • 2/8

स्पाइडर (SPYDER) के दो वैरिएंट्स हैं. एक स्पाइडर-एसआर (SR) यानी स्पाइडर शॉर्ट रेंज और दूसरा है स्पाइडर-एमआर यानी मीडियम रेंज (MR). ये दोनों हर मौसम में काम कर सकते हैं. मल्टीपल लॉन्चर्स हैं. सेल्फ-प्रोपेल्ड हैं. एक सामान्य स्पाइडर बैटरी में एक सेंट्रल कमांड, एक कंट्रोल यूनिट, छह मिसाइल फायरिंग यूनिट और रीसप्लाई व्हीकल होता है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायु सेना)

IAF Spyder Missile
  • 3/8

स्पाइडर पाइथन-5 का वजन 105 किलोग्राम है. जबकि डर्बी का वजन 118 किलोग्राम है. पाइथन 10.2 फीट लंबी है. वहीं, डर्बी की लंबाई 11.11 फीट है. दोनों का व्यास 6.3 इंच है. पाइथन 11 किलोग्राम वजनी वॉरहेड ले जा सकता है. डर्बी 23 किलोग्राम का वॉरहेड ले जा सकता है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायु सेना)

Advertisement
IAF Spyder Missile
  • 4/8

दोनों ही मिसाइलों में विंग्स लगे होते हैं. जिनका स्पैन 2.1 फीट होता है. पाइथन की रेंज 20 किलोमीटर है जबकि डर्बी 50 किलोमीटर रेंज की मिसाइल है. पाइथन 30 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. वहीं, डर्बी 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के हवाई हमले को खत्म कर सकता है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायुसेना)

IAF Spyder Missile
  • 5/8

हैरानी की बात तो ये है कि इसकी गति इतनी ज्यादा है कि इससे बचना किस्मत की बात ही होगी. यह मैक 4 यानी ध्वनि की गति से चार गुना ज्यादा रफ्तार से उड़ती है. ये मिसाइलें 4900 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टारगेट की तरफ बढ़ती हैं. यानी दुश्मन के पास बचने के लिए कुछ सेकेंड्स का ही समय होता है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायु सेना)

IAF Spyder Missile
  • 6/8

दोनों ही मिसाइलें टारगेट को लॉक करने के बाद दाग दीजिए. उसके बाद भूल जाइए. ये उसका पीछा तब तक नहीं छोड़तीं, जब तक उसका खात्मा न कर दें. यानी दागो और भूल जाओ. पाइथन मिसाइल तो पीछे की तरफ घूमकर भी हमला कर सकती है. इसमें एड्वांस्ड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इंफ्रारेड होमिंग सीकर लगा है. जो टारगेट के एरिया को स्कैन करके हमला करता है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायु सेना)

IAF Spyder Missile
  • 7/8

वहीं, डर्बी में एक्टिव राडार होमिंग तकनीक लगी है. जो दागो और भूल जाओ टेक्नीक पर काम करती है. दोनों ही मिसाइलें लॉक-ऑन-आफ्टर लॉन्च (LOAL) पर काम करती हैं. यानी एक बार टारगेट फिक्स हो गया, तो फिर उसका अंत तय है. पाइथन से 40 किलोमीटर के आसपास की हवाई सुरक्षा मिलती है. जबकि, स्पाइडर एमआर और एलआर (Long Range) से 80 किलोमीटर के इलाके में चारों तरफ सुरक्षा मिलती है. (फोटोः ट्विटर/भारतीय वायुसेना)

IAF Spyder Missile
  • 8/8

ये दोनों ही मिसाइलें 360 डिग्री में घूमकर फायरिंग कर सकती हैं. अगर लॉन्चर नहीं घूम पाता तो मिसाइल लॉन्च होने के बाद टारगेट को किसी भी दिशा में खोज लेती है. फिलहाल इसका उपयोग दुनिया के 8 देश कर रहे हैं. कुछ जगहों पर ऐसी रिपोर्ट है कि 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना के एक ड्रोन को स्पाइडर सिस्टम से हमला करके गिराया गया था. (फोटोः विकिपीडिया)

Advertisement
Advertisement