26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को प्रभाव में लाया गया था. इस दिन को हिंदुस्तान में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था.
भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है. देश में हर चीज संविधान के हिसाब से चलती है. भारत का संविधान देश की संस्कृति और इतिहास को भी बखूबी दर्शाता है. संविधान में हाथ से बनाई गईं 22 पेंटिंग्स मौजूद हैं.हमारे संविधान की अंग्रेजी और हिंदी में मूल पांडुलिपियां हस्तनिर्मित थीं. इस संविधान में जो पेंटिंग्स मौजूद हैं उन्हें शांति निकेतन के नंदलाल बोस और उनके छात्रों द्वारा बनाया गया था.
संविधान की शुरुआत हमारे राष्ट्रीय प्रतीक और 'सत्यमेव जयते' या सत्य की ही जीत होती है के नारे के चित्रण के साथ होती है. इस प्रतीक को सारनाथ में मिले अशोक स्तंभ से लिया गया है. मूल रूप से इसमें चार शेर हैं, जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं, लेकिन तीन ही दिखाई देते हैं. इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर हाथी, घोड़ा, एक सांड, एक सिंह और एक चक्र बना है.
संविधान के पहले भाग- 'संघ और उसके राज्यक्षेत्र' की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता के चर्चित प्रतीक जेबू बैल के चित्र से हुई है. जेबू बैल को सबसे शक्तिशाली वंश और मोहन-जो-दारो, हड़प्पा का प्रतीक माना जाता है.
संविधान के भाग दो की शुरुआत वैदिक काल के गुरुकुल के चित्र से हुई है. संविधान का भाग दो नागरिकता से संबंधित है.
संविधान के भाग तीन, जिसका संबंध मौलिक अधिकारों से है, पर भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी की तस्वीर बनी हुई है.
संविधान के भाग चार की शुरुआत कुरुक्षेत्र के चित्र से हुई है. इसमें कृष्ण, अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए दिखते हैं. इस भाग में राज्य की नीति के निदेशक तत्व बताए गए हैं.
संविधान के भाग पांच में गौतम बुद्ध अपना पहला उपदेश- धर्मचक्र प्रवर्तन सूत्र संघ, देते नजर आ रहे हैं. इस भाग का संबंध संघ से है.
संविधान के भाग छह की शुरुआत 24वें जैन तीर्थंकर महावीर से हुई है. इस रंगीन तस्वीर में महावीर ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं.
संविधान के भाग सात की शुरुआत सम्राट अशोक के चित्र से हुई है. इस भाग का नाम है राज्य (पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य). इसमें अशोक भिक्षुओं के साथ बौद्ध धर्म का प्रसार करते दिख रहे हैं.
संविधान के भाग आठ की शुरुआत हनुमान के चित्र से हुई है. इस भाग का नाम राज्य (पहली अनुसूची के भाग ग के राज्य) है. चित्र में हनुमान, सीता की तलाश में उड़ते हुए लंका जा रहे हैं.
संविधान के भाग नौ की शुरुआत राजा विक्रमादित्य के चित्र से हुई है. इस भाग का नाम पहली अनुसूची के भाग घ में शामिल राज्य क्षेत्र है. चित्र में विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे दिख रहे हैं.
संविधान के भाग 10 पर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की मुहर और उसका चित्र बना हुआ है. इस भाग का नाम है अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र है.
संविधान के भाग 11 पर उड़िया शैली की एक कलाकृति है. इस भाग का नाम संघ और राज्यों के बीच संबंध है.
संविधान के भाग 12 में नटराज का चित्र बना हुआ है. इस भाग का नाम वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद है.
संविधान के भाग 13 में महाबलीपुरम मंदिर पर उकेरी गई कलाकृतियों को दर्शाया गया है. शेषनाग के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं के चित्र हैं. इसी चित्र में भगीरथ की तपस्या और गंगा अवतरण को भी दर्शाया गया है.
संविधान के भाग 14 में अकबर के दरबार का चित्र बना हुआ है. इस भाग का नाम संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं है. इस चित्र में अकबर और उनके दरबारी बैठे हुए नजर आ रहे हैं.
संविधान के भाग 15 में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी और सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का चित्र बना है. यह पहला पन्ना है जिस पर दो चित्र एक साथ हैं.
संविधान के भाग 16 में रानी लक्ष्मीबाई और टीपू सुल्तान का चित्र बना है. इस भाग का नाम कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध है.
संविधान के भाग 17 में महात्मा गांधी का चित्र बना है. इस भाग का नाम है आधिकारिक भाषा. चित्र में महात्मा गांधी नमक कानून को तोड़ने के लिए दांडी मार्च करते दिखाई दे रहे हैं.
संविधान के भाग 18 में भी महात्मा गांधी का चित्र बना है. इस भाग का नाम आपात उपबंध है. यह चित्र बंटवारे से पहले सांप्रदायिक दंगों के समय का है. तब महात्मा गांधी चटगांव के नोआखाली में दंगे शांत कराने गए थे.
संविधान के भाग 21 पर ऊंट के काफिले का चित्र है. इस भाग का नाम अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध है.