हेलिकॉप्टर्स का उपयोग अक्सर हमने बचाव कार्यों में ही देखा है. चाहे वह बाढ़ पीड़ित इलाका हो या भूस्खलन वाला पहाड़ी इलाका. कहीं ग्लेशियर टूट गया हो या फिर आतंकी हमला हो. हेलिकॉप्टर्स ही सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाते हैं इंसानों को बचाने के लिए. सामानों को यहां-वहां पहुंचाने में. सियाचिन में तैनात जवानों तक खाना और अन्य सामग्री हेलिकॉप्टर से ही पहुंचाई जाती है. हेलिकॉप्टर लेह से उड़ान भरकर वहां तक पहुंचता है. आइए जानते हैं भारत के हमलावर (Attack Helicopters) और यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स (Utility Helicopters) के बारे में...
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (Light Combat Helicopter)
भारतीय वायुसेना और थल सेना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए नए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) का उपयोग कर रही हैं. अब तक 8 हेलिकॉप्टर बने हैं. 15 बनाने का ऑर्डर है. इसमें दो लोग बैठ सकते हैं. यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है. पूरे साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किलोग्राम हता है. इसपर 700 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं. अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है. 550 किलोमीटर रेंज हैं. लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है. अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 20 मिमी की एक तोप लगी है. चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी रॉकेट्स, मिसाइल और बम लगाए जा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण. (फोटोः विकिपीडिया)
बोइंग एएच-64 अपाचे (Boein AH-64 Apache)
भारतीय वायुसेना के पास 22 अपाचे हेलिकॉप्टर्स हैं. थल सेना के लिए 6 ऑर्डर किए गए हैं. इस अमेरिकी अटैक हेलिकॉप्टर में दो पायलट बैठते हैं. यह 58.2 फीट लंबी थी. यह 12.8 फीट ऊंचा है. इसकी अधिकतम गति 293 किमी प्रतिघंटा है. इसकी रेंज 476 किलोमीटर है. हालांकि युद्ध के दौरान यह 480 किमी तक उड़ सकता है. यह अधिकतर 20 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इसमें 30 मिमी की एक तोप लगी होती है. इसमें चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं- जिसमें रॉकेट्स और मिसाइल का कॉम्बीनेशन लगा सकते हैं. इसमें खासतौर से हेलफायर वैरिएंट्स, स्टिंगर, मैवरिक या स्पाइक मिसाइल लगाई जा सकती हैं. (फोटोः विकिपीडिया)
एमआई-24 (Mil Mi-24 Helicopter)
रूस में बने ऐसे 15 हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना के पास हैं. यह एक हमलावर हेलिकॉप्टर है. दुनिया के कई युद्धों में इसका उपयोग हो चुका है. इस हेलिकॉप्टर में 2-3 पायलट, वेपन सिस्टम ऑफिसर और टेक्निशियन (ऑप्शनल) बैठ सकते हैं. इसके अलावा 8 सैनिक या चार स्ट्रेचर या 2400 किलोग्राम वजन भी उठा सकता है. यह 57.5 फीट लंबा, 21.4 फीट ऊंचा होता है. यह अधिकतम 335 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. इसकी अधिकतम रेंज 450 किलोमीटर है. अधिकतम 4900 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें चार तरह के कैनन लगे होते हैं. 12.7 मिमी याक-बी गैटलिंग गन, ट्विन बैरल जीएसएच-30के या 23एल ऑटोकैनन या फिर पीकेबी मशीन गन्स. इसके अलावा तीन तरह के बम, पांच रॉकेट, मिसाइल या बमों का मिश्रण लगाया जा सकता है. (फोटोः विकिपीडिया)
एसएच-60 सीहॉक (SH-60 Seahawk)
भारतीय नौसेना के पास 2 हैं. 22 और हेलिकॉप्टर्स के लिए ऑर्डर किया गया है. इसमें 3 से 4 क्रू बैठते हैं. इसमें पांच पैसेंजर का केबिन होता है. या फिर आप इसमें 2700 किलोग्राम वजन ले जा सकते हैं. 64.8 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 17.2 फीट है. इसकी अधिकतम गति 210 किमी प्रतिघंटा है. एक बार में 830 किमी उड़ान भर सकता है. अधिकतम 12 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें टॉरपीडो, हेलफायर मिसाइल, पेंग्विन मिसाइल, प्रेसिशन किल मिसाइल, मशीन गन या 30 मिमी का कैनन हथियार के तौर पर लगा सकते हैं. (फोटोः भारतीय नौसेना)
कामोव केए-27 (Kamov Ka-27)
इंडियन नेवी के पास 14 कामोव हेलिकॉप्टर्स हैं. इसे तीन लोग मिलकर उड़ाते हैं. यह 16 जवान या 4000 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है. 37.1 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 18.1 फीट है. यह अधिकतम 270 किमी प्रतिघंटा की गति से 980 किमी तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 16 हजार फीट तक जा सकता है. इसमें टॉरपीडो, मशीन गन, 30 मिमी की कैनन या फिर बम, रॉकेट, गनपॉड्स या म्यूनिशन डिस्पेंसर्स लगाए जा सकते हैं.
वेस्टलैंड सी किंग (Westland Sea King)
भारतीय नौसेना के पास 25 वेस्टलैंड सी किंग हेलिकॉप्टर्स हैं. 6 और नए वैरिएंट मंगाए जा रहे हैं. इसे 2 से 4 लोग मिलकर उड़ाते हैं. 55.10 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 16.10 फीट है. यह 207 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ता है. इसकी रेंज 1230 किमी है. इसमें चार टॉरपीडोस या चार डेप्थ चार्जेज लगाए जा सकते हैं. या फिर मशीन गन लगाए जा सकते हैं.
एचएएल रुद्र (HAL Rudra)
इंडियन एयरफोर्स के पास 16 और थल सेना के पास 75 हैं. यह एक हथियारबंद यूटिलिटी हेलिकॉप्टर है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. यह 52.1 फीट लंबा, 10.4 फीट चौड़ा, 16.4 फीट ऊंचा होता है. इसकी अधिकतम गति 280 किमी प्रतिघंटा, अधिकतम रेंज 590 किमी और अधिकतम ऊंचाई पर उड़ान 20 हजार फीट है. इसमें 20 मिमी की एक एम621 कैनन, 2 मिस्ट्रल रॉकेट्स, 4 FZ275 LGR मिसाइल, 4 ध्रुवास्त्र मिसाइल तैनात किए जा सकते हैं. ध्रुवास्त्र मिसाइल की टेस्टिंग इस हेलिकॉप्टर के साथ पूरी हो चुकी है. जल्द ही इस मिसाइल को तैनात किया जाएगा. (फोटोः विकिपीडिया)
सीएच-47 चिनूक (CH-47 Chinook Helicopter)
अमेरिकी मालवाहक व परिवहन हेलिकॉप्टर. दुनिया के सबसे बड़े हेलिकॉप्टरों में से एक. भारतीय वायुसेना के पास 15 चिनूक हेलिकॉप्टर्स हैं. इसमें तीन क्रू होते हैं. पायलट, को-पायलट, फ्लाइट इंजीनियर या लोडमास्टर. इस हेलिकॉप्टर में 33 से 55 सैनिक, 24 स्ट्रेचर या करीब 11 हजार किलोग्राम वजन उठाया जा सकता है. यह हेलिकॉप्टर 98 फीट लंबा होता है. चौड़ाई 12.5 फीट और ऊंचाई 18.11 फीट है. यह अधिकतम 315 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ता है. इसमें दो पंखे लगे होते हैं. इसकी रेंज 740 किमी है. यह अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इसमें 3 पिंटल-माउंटेड मीडियम मशीन गन या एम134 मिनिगन रोटरी मशीन गन तैनात कर सकते हैं.
एमआई-17 (Mi-17 Helicopter)
भारतीय वायुसेना के पास 223 रूसी हेलिकॉप्टर्स हैं. इसे तीन लोग मिलकर उड़ाते हैं. दो पायलट और एक इंजीनियर. इसमें 24 सैनिक या 12 स्ट्रेचर या 4000 किलोग्राम वजन लेकर उड़ा जा सकता है. 60.7 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 18.6 फीट है. इसकी अधिकतम गति 280 किमी प्रतिघंटा है. यह 800 किमी तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें रॉकेट्स, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल या फिर दो मशीन गन लगाए जा सकते हैं. या फिर टैंक्स को ध्वस्त करने के लिए बम लगाए जा सकते हैं.
एचएएल ध्रुव (HAL Dhruv)
इंडियन एयरफोर्स के पास 107, इंडियन आर्मी के पास 191 और नेवी के पास 14 हेलिकॉप्टर्स हैं. नेवी ने 11 और आर्मी ने 73 हेलिकॉप्टर और ऑर्डर कर रखे हैं. इन ऑर्डर से ही पता चलता है कि ये कितने काम का हेलिकॉप्टर है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. 52.1 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 16.4 फीट है. इसकी अधिकतम गति 291 किमी प्रतिघंटा है. यह एक बार में 630 किमी तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें किसी तरह का हथियार फिलहाल नहीं लगाया गया है. लेकिन इसके ही प्लेटफॉर्म पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर बनाया गया है, जो हमलावर हेलिकॉप्टर है.
एचएएल एलयूएच (HAL LUH)
एचएएल एलयूएच यानी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर. भारतीय वायुसेना और थल सेना ने 6-6 ऑर्डर किए हैं. फिलहाल तीन बनकर अलग-अलग जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं. इसे दो लोग उड़ाते हैं. इसमें 6 लोग बैठ सकते हैं. 37.8 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 11.1 फीट है. इसकी अधिकतम गति 250 किमी प्रतिघंटा है. 500 किलोग्राम वजन के साथ एक बार में 350 किमी की उड़ान भर सकता है. खाली 500 किमी तक. अधिकतम 21,300 फीट तक जा सकता है. (फोटोः विकिपीडिया)
एचएएल चेतक (HAL Chetak)
भारतीय वायुसेना के पास 77, आर्मी के पास 4 और नेवी के पास 36 चेतक हेलिकॉप्टर हैं. नेवी ने 6 ऑर्डर किए हैं. यह बेहद पुराना हेलिकॉप्टर है जो भारतीय मिलिट्री के लिए कई तरह के युद्धों और बचावकार्यों में भाग ले चुका है. इसे 2 लोग उड़ाते हैं. इसमें 5 पैसेंजर बैठ सकते हैं. 32.11 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 9.10 फीट है. इसकी अधिकतम गित 210 किमी प्रतिघंटा है. अधिकतम रेंज 540 किमी और अधिकतम ऊंचाई 10,500 फीट है. (फोटोः विकिपीडिया)
एचएएल चीता (HAL Cheetah)
वायुसेना के पास 17 और आर्मी के पास 37 हैं. आर्मी ने 8 ऑर्डर किए हैं. इसे एक आदमी उड़ाता है. इसमें 4 पैसेंजर या फिर 1135 किलोग्राम वजन ले जा सकते हैं. 33.7 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 10.1 फीट है. यह अधिकतम 192 किमी प्रतिघंटा की गति से 515 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. यह अधिकतम 17,715 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. पहाड़ी इलाकों पर इसे उड़ाना आसान होता है. (फोटोः एएचएस इंटरनेशनल)