महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से महासंग्राम शुरू हो गया है. एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने फिर पलटी मार ली है. अजित अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए हैं. सरकार में आते ही उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया और उनके साथ जो विधायक आए, उन्हें मंत्री.
चार साल में ये तीसरी बार है जब अजित पवार ने इतनी बड़ी पलटी मारी है. इससे पहले 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद भी अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया था. उस समय उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले ली थी. हालांकि, इस पद पर वो 80 घंटे ही रह सके थे. लेकिन इस बार उन्होंने अकेले शपथ नहीं ली है, बल्कि उनके साथ गए आठ और विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है.
अजित पवार के ऐसे अचानक से शिंदे सरकार को समर्थन देने से एनसीपी में एक बार फिर टूट पड़ गई है. राजनीति में छह दशक से ज्यादा लंबा समय बिताने वाले शरद पवार के लिए ये बड़ा झटका है. वो इसलिए क्योंकि दो महीने पहले ही जब उन्होंने एनसीपी चीफ के पद से इस्तीफे का ऐलान किया था, तो पूरी पार्टी उनसे इस्तीफा वापस लेने की जिद पर अड़ गई थी. तब माना जा रहा था कि पार्टी पूरी तरह से एक है. लेकिन दो महीने में ही पार्टी के दोफाड़ होने ने सभी को हैरान कर दिया है. हालांकि, माना जा रहा है कि सुप्रिया सुले के बढ़ते कद की वजह से अजित पवार नाराज थे. सुप्रिया सुले, शरद पवार की बेटी हैं. इस तरह से अजित का ये फैसला पार्टी की टूट ही नहीं, बल्कि परिवार में फूट को भी दिखाता है. ऐसे में जानते हैं शरद पवार के पूरे परिवार में कौन-कहां है?
पवार परिवार सतारा का रहने वाला था, लेकिन वो बारामती आकर बस गया था. पवार के परिवार के पास किसान मजदूर पार्टी की विरासत थी. शरद पवार के पिता गोविंदराव पवार स्थानीय किसान संघ के अध्यक्ष थे. उनकी मां शारदाबाई पवार भी लोकल बोर्ड की सदस्य रही थीं. (फोटो-शरद पवार)
गोविंदराव पवार और शारदाबाई पवार के 11 बच्चे थे. उनके सात बेटे- वसंतराव, अप्पासाहेब, अनंतराव, शरद, बापूसाहेब, सूर्यकांतराव और प्रतापराव और चार बेटियां- सरला, सरोज, मीना और लीला हैं. (फोटो- भाई वसंतराव के साथ शरद पवार)
सबसे बड़े भाई वसंतराव पवार वकील थे. अप्पासाहेब ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई की थी. अनंतराव भी खेती-किसानी से जुड़े थे. बापूसाहेब इंजीनियर बने. सूर्यकांत ने बड़ौदा से पढ़ाई की और आर्किटेक्ट बने. प्रतापराव पवार ने अपना कारोबार शुरू किया. (फोटो- प्रतापराव पवार)
शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था. पढ़ाई के दौरान ही वो छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए. 1958 में कांग्रेस से जुड़े. 1962 में पुणे जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने. 1967 में कांग्रेस के टिकट पर बारामती विधानसभा से चुनाव लड़ा और 27 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने.
शरद पवार भले ही सार्वजनिक जीवन जी रहे हों, लेकिन उनके परिवार के बहुत कम लोगों की जानकारी ही सार्वजनिक है. कहा जाता है कि शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब के बेटे राजेंद्र राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन परिवार के एक सदस्य अजित पवार पहले ही राजनीति में आ चुके थे, इसलिए उनका सपना पूरा नहीं हो सका. अप्पासाहेब के दूसरे बेटे रंजीत हैं. (फोटो- शरद पवार और अजित पवार)
अनंतराव पवार के भी दो बेटे- श्रीनिवास और अजित हुए. श्रीनिवास तो राजनीति में नहीं आए, लेकिन अजित ने इसमें कदम रखा. अजित पवार 90 के दशक से ही राजनीति में हैं. वो पांचवीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने हैं. शरद पवार के बाद अजित को ही एनसीपी प्रमुख पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जाता था. (फोटो- अनंतराव पवार)
शरद पवार ने पूर्व टेस्ट क्रिकेटर सदाशिव शिंदे की बेटी प्रतिभा से शादी की थी. प्रतिभा पवार राजनीति से दूर थीं, लेकिन एनसीपी में उनका अच्छा-खासा दखल था. शरद पवार अपनी किताब में बताते हैं कि कैसे 2019 में जब अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया था, तो प्रतिभा के कहने पर ही वे पार्टी में लौटे थे. शरद लिखते हैं कि प्रतिभा से मिलने के बाद अजित ने माफी मांगी थी और बीजेपी से समर्थन वापस लेने को मान गए थे. (फोटो- पत्नी प्रतिभा पवार के साथ शरद पवार)
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले राजनीति में बहुत सक्रिय हैं. सुप्रिया सुले 2006 में राज्यसभा सांसद बनी थीं. तीन साल तक राज्यसभा में रहने के बाद 2009 में उन्होंने पहली बार बारामती से लोकसभा चुनाव लड़ा. 2009 के बाद 2014 और 2019 में भी सुप्रिया बारामती से लोकसभा सांसद रही हैं. इसी साल उन्हें एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. सुप्रिया ने 1991 में सदानंद बालचंद्र सुले से शादी की थी. दोनों का एक बेटा- विजय और बेटी- रेवती हैं.
शरद पवार के परिवार की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में आ चुकी है. अजित पवार के बेटे पार्थ राजनीति में एक्टिव हैं. एनसीपी ने 2019 में पार्थ को मावल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, पार्थ ये चुनाव हार गए थे. (फोटो- शरद पवार और पार्थ पवार)
2019 में शरद पवार ने जब पार्थ को मावल सीट से उम्मीदवार बनाने का संकेत दिया था, तब परिवार में विवाद सामने आया था. ये विवाद पार्थ और रोहित के बीच था. रोहित, अप्पासाहेब के पोते और राजेंद्र के बेटे थे. उस समय रोहित ने फेसबुक पर लिखा था कि 'पवार साहेब (शरद पवार) के फैसले का हम सम्मान करते हैं, लेकिन इससे भी बड़ा प्रेम होता है, इसलिए उन्हें अपने फैसले पर फिर से सोचना चाहिए.' (फोटो- रोहित पवार और शरद पवार)