मणिपुर पिछले कुछ दिनों से मैतेई समुदाय को ST का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में सुलग रहा है. अब हालात सामान्य होने लगे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि हिंसा से 54 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 100 लोग जख्मी हुए. यहां लोगों को हिंसाग्रस्त इलाकों से निकाला जा रहा है. मणिपुर में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एयर इंडिया ने विशेष उड़ानें शुरू की हैं. एयर इंडिया ने 6 और 7 मई को इंफाल से उड़ानें शुरू की हैं.
मणिपुर में हिंसा तो थम गई है, लेकिन तनाव बरकरार है. जो शहर तीन दिन और तीन रात हिंसा की आग में झुलसते रहे हैं, वहां अब राख बिखरी है. सबसे बुरी स्थिति उन शिविरों में है, जहां इस हालात से बचाए गए लोग तत्काल राहत के लिए लाए गए थे. आंसू सूखी आंखों में केवल एक ही सवाल आखिर हमारी गलती क्या थी?
अफवाह थी कि एक ट्रक में प्रदर्शनकारी कुछ प्लान कर रहे हैं. इंटरनल सिक्यूरिटी कॉलम (बल) ने तुरंत इस पर कार्रवाई की. एक संदिग्ध ट्रक को जिरिबाम-तमेंगलोंग सीमा पर रोका गया, जिसमें 51 स्थानीय लोग छिपे हुए थे. उनकी जांच में सामने आया कि वह नागरिक दिहाड़ी मजदूर और असम के निवासी थे, जो मणिपुर में काम कर रहे थे और तनावपूर्ण सुरक्षा स्थिति से बचने की कोशिश कर रहे थे. सभी निर्दोष नागरिकों को असम राइफल्स के जवानों द्वारा सुरक्षित रूप से कछार पहुंचाया गया.
मणिपुर में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सेना के साथ ही असम राइफल्स एक्टिव है. असल में तनाव वाले इस हालात में झूठी अफवाहें फैल रही हैं, जो लोगों के बीच असुरक्षा को बढ़ावा दे रही हैं. 5 मई 2023 को मणिपुर में तनावपूर्ण स्थिति के बीच असम राइफल्स को जिरिबाम शहर की ओर एक ट्रक में हथियारबंद लोगों के भरे होने की जानकारी मिली थी.
जिन राहत शिविरों में लोगों को ले जाया जा रहा है, वे तीन संगठन बिष्णुपुर लीगल एड सर्विसेज, मताई सोसाइटी और श्री सत्य संगठन चला रहे हैं. उन्हें स्थानीय लोगों से सहायता मिल रही है, जो भोजन दान कर रहे हैं. संगठनों ने पीने योग्य पानी और कुछ चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की है. आयोजकों में से एक 47 वर्षीय सखीतोम्बी मैब्रम ने सरकार से मदद की कमी की शिकायत की है. उन्होंने कहा, 'हमें राज्य प्रशासन से ज्यादा मदद नहीं मिली. स्थानीय विधायक ने हमें पीने का पानी मुहैया कराया. हमारे पास दवाओं की भारी कमी है और बच्चे डायरिया और तेज बुखार की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं.'
हिंसाग्रस्त इलाकों से अब भी सेना लोगों को निकाल रही है. उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है. विस्थापितों के चेहरों पर तनाव है. कई लोग तो आपबीती सुनाते हुए रो पड़े. उन्हें नहीं पता कि वह अपने घरों में फिर कभी लौट पाएंगे या नहीं, क्योंकि घर जल चुके हैं. भविष्य अंधेरे में है. आपाधापी में वे जैसे-तैसे भाग रहे हैं.
मणिपुर में हिंसा और आगजनी की घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई. बवाल के बाद यहां सेना और असम राइफल्स ने मोर्चा संभाला. इसके बाद इलाके में शांति बहाल होती दिख रही है. स्थिति सामान्य हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि पिछले 96 घंटे से किसी हिंसा की सूचना नहीं है. रविवार की सुबह चुराचांदपुर में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया. (Photo: PTI)
दरअसल, हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने एक आदेश दिया था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा की मांग करने वाले संगठन का कहना है कि ये सिर्फ नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये पैतृक जमीन, संस्कृति और पहचान का मसला है. संगठन का कहना है कि मैतेई समुदाय को म्यांमार और आसपास के पड़ोसी राज्यों से आने वाले अवैध प्रवासियों से खतरा है. इसी के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला था. इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. (Photo: PTI)
मैतेई समुदाय को ST कैटेगरी में शामिल करने की मांग तेज हो गई. हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को इस मांग पर विचार करने का आदेश दिया. मणिपुर के छात्र संगठन ने इसी मांग के खिलाफ मार्च निकाला था. ये मार्च चुरचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ था. इस रैली में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. अब लोग मांग कर रहे हैं कि हिंसा बंद होनी चाहिए. (Photo: PTI)
अगरतला सेक्टर में की गई त्वरित कार्रवाई से असम राइफल्स ने झूठी अफवाहों पर काबू पाया और नागरिकों को बचाया. सुरक्षा बल सक्रिय रूप से शांति और सद्भाव बनाए रख रहे हैं. मणिपुर के जिरिबाम जिले की ही तरह राज्य में झूठी अफवाहों को रोकने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं. वहीं मणिपुर हिंसा को लेकर लोग शांति की अपील कर रहे हैं. (Photo: PTI)