Twin Towers Demolition: नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर ध्वस्त कर दिए गए हैं. महज 9 से 12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची ट्विन टावर की दोनों इमारतें जमींदोज़ हो गई. पलक झपकते ही मलबे में तब्दील होती इमारत के साथ चारों और धूल और धुआं फैल गया.
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के लिए 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया. इस ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद रहीं. वहीं, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर का भी इंतजाम किया गया और एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई.
Noida, UP | Anti-smog gun to spray water droplets in the air to bring down dust installed in an area nearby the #SupertechTwinTowers demolition site pic.twitter.com/VcWyqJiawE
— ANI (@ANI) August 28, 2022
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर धमाके के बाद जमींदोज किए गए. ट्विन टावर के जमींदोज होते ही कई मीटर तक धूल का गुबार फैल गया.
#WATCH | Noida, UP: Rubble of demolished #SupertechTwinTowers laid bare along with a cloud of dust in the vicinity after the demolition pic.twitter.com/0jxd4VVh0l
— ANI (@ANI) August 28, 2022
तय समय पर सायरन बजने के साथ ही सुपरटेक ट्विन टावर (Twin Tower Demolition) में विस्फोट हुआ और कुछ ही सेकेंड में गगनचुंबी इमारतें जमींदोज हो गईं. दूर तक धमाके की आवाज के साथ धूल का गुबार फैल गया.
#WATCH | 'Controlled implosion' turns Noida's #SupertechTwinTowers to dust pic.twitter.com/zDksI6lfIF
— ANI (@ANI) August 28, 2022
ट्विन टावर के ध्वस्त होते ही हवा में धुएं के गुब्बार के साथ ही आस-पास मलबा फैल गया. धूल के साथ पत्थरों के टुकड़े जमीन पर फैल और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण बढ़ गया है.
कुतुब मीनार से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर इमारत को एक्शन और धमाके को महज 60 सेकेंड में पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. बता दें कि नोएडा सेक्टर-93A के एमराल्ड कोर्ट, जहां ये टावर स्थित था, उसे पहले ही सील करा दिया गया था.
डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) राजेश एस के अनुसार, ट्विन टावर को ध्वस्त करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. करीब 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और NDRF की टीम को तैनात किया गया था. इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.
ट्विन टावर ध्वस्त होने में करीब 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलने का अनुमान है. इसे हटाने में तकरीबन 3 महीने तक का समय लग सकता है. इससे निकलने वाले धूल के कणों से नोएडा और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की संभावना है.
स्काईमेट मौसम के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत के मुताबिक, Twin towers demolition से निकलने वाली धूल सेक्टर 126, 137, 26, 93B, 91, Advant IT पार्क, 142 और छपरौली 1 तक जाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है.