किसी भी देश की वायु सेना में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं लड़ाकू विमान (Fighter Jets). उनकी गति, मारक क्षमता, रडार में न पकड़ आने की काबिलियत और हथियार से ही उस वायु सेना या देश की ताकत का अंदाजा लगता है. भारत के राफेल फाइटर जेट को इस सूची में शामिल किया गया है. जबकि, HAL तेजस मार्क-1ए को भी सराहा गया है, हालांकि वो दुनिया के दस खतरनाक फाइटर जेट्स की सूची में शामिल नहीं हो पाया है. (फोटोः ट्विटर/Defence PRO Palam)
10. साब जेएएस 39ई ग्रिपेन (Saab JAS 39E Gripen): स्वीडन में बने इस फाइटर जेट को बजट फाइटर जेट कहा जाता है. इसका E वर्जन अत्याधुनिक और लेटेस्ट है. यह 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. इसे 1 पायलट उड़ाता है. लंबाई 49.10 फीट होती है. विंगस्पैन 28.3 फीट और ऊंचाई 14.9 फीट है. यह एक बार में 7200KG वजन के हथियार ले जा सकता है. अधिकतम 2460 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ता है. कॉम्बैट रेंज 1500KM है. अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह आधा किलोमीटर के रनवे से टेकऑफ कर लेता है. इसमें कुल 10 हार्डप्वाइंट्स हैं, जिसमें मिसाइल और बमों का मिश्रण लगाया जा सकता है. इसके अलावा इसमें 27 मिमी का माउज़र रिवॉल्वर कैनन लगा है जो प्रति मिनट 120 राउंड फायर करता है.
9. सुखोई सू-35एस (Sukhoi Su-35S): रूस में बनी सुखोई सू-30, सू-35, सू-37 और चीनी शेनयांग जे-16, ये सभी सू-27 के प्लेटफॉर्म पर बने हैं. ये 4.5 पीढ़ी का फाइटर जेट है. इसे 1 पायलट उड़ाता है. लंबाई 71.10 फीट, विंगस्पैन 50.2 फीट और ऊंचाई 19.4 फीट है. इसकी गति 2400 KM/घंटा है. इसकी रेंज 3600 KM है. जबकि कॉम्बैट रेंज 1600 KM है. यह अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 150 राउंड प्रति मिनट फायर करती है. इसमें 12 हार्डप्वाइंट्स होते हैं, जिसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस, एंटी-शिप, एंटी-रेडिएशन मिसाइल लगाई जा सकती है. इसके अलावा 6 तरीके के गाइडेड बम लगाए जा सकते हैं. यानी दुश्मन की मौत पक्की.
8. यूरोफाइटर टाइफून (Eurofighter Typhoon): यूरोप का सबसे भरोसेमंद लड़ाकू विमान. इसके दो वैरिएंट्स आते हैं. वन और टू सीटर. लंबाई 52.4, विंगस्पैन 35.4 फीट और ऊंचाई 17.4 फीट है. यह अधिकतम 2125 KM/घंटा की गति से उड़ता है. कॉम्बैट रेंज 1389 KM है, जबकि ऑपरेशनल रेंज 2900 KM है. यह अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसमें 27 मिमी की माउजर रिवॉल्वर कैनन लगी है. जो 150 राउंड प्रति मिनट से फायर करती है. इसमें कुल मिलाकर 13 हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस और एंटी-शिप मिसाइलें लगाई जा सकती है. इसके अलावा 6 तरह के बम लगाए जा सकते हैं. (फोटोः क्रासिमीर ग्रोजेव/विकिपीडिया)
7. डैसो राफेल (Dassault Rafale): राफेल और यूरोफाइटर का विकास एक फाइटर जेट की तरह ही हुआ था. लेकिन बाद में फ्रांस ने राफेल को प्रोजेक्ट से अलग कर लिया था. भारतीय वायुसेना में 36 राफेल फाइटर जेट्स हैं. इसे एक या दो पायलट उड़ाते हैं. यह 50.1 फीट लंबी, विंगस्पैन 35.9 फीट और ऊंचाई 17.6 फीट है. इसकी अधिकतम गति 1912 KM/घंटा है. लेकिन कॉम्बैट रेंज 1850 किमी है. ऑपरेशनल रेंज 3700 KM है. यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह एक सेकेंड में 305 मीटर की सीधी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 125 राउंड प्रति मिनट दागती है. इसके अलावा इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं. इसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-सरफेस, न्यूक्लियर डेटरेंस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य तरह के बमों को भी तैनात किया जा सकता है. (फोटोः इंडिया टुडे)
6. बोइंग एफ-15ईएक्स ईगल-2 (Boeing F-15EX Eagle II): अमेरिकी हवाई ताकत की पहचान है ये लड़ाकू विमान. आम भाषा में इसे एफ-15 (F-15) बुलाते हैं. इसे 2 पायलट उड़ाते हैं. इसकी लंबाई 63.9 फीट, विंगस्पैन 42.9 और ऊंचाई 18.6 फीट है. यह अधिकतम 2656 KM/घंटा की गति से उड़ता है. कॉम्बैट रेंज 1272 KM और फेरी रेंज 3900 KM है. यह अधिकतम 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह 250 मीटर प्रति सेकेंड की गति से सीधी उड़ान भरता है. इसमें 20 मिमी की गैटलिंग कैनन लगी है. इसमें 4 विंग्स पाइलॉन्स, फ्यूसलेज पाइलॉन्स, बॉम्ब रैक्स लगे हैं. इसमें हवा से हवा, हवा से सतह में मार करने वाली मिसाइलें लग सकती हैं. उसके अलावा 17 तरीके के बम लगाए जा सकते हैं.
5. शेनयांग एफसी-31 (Shenyang FC-31): चीन का पांचवीं पीढ़ी का हल्का कैरियर बॉर्न फाइटर जेट. इसे चीन का सबसे घातक फाइटर जेट कहा जाता है. इसे एक पायलट उड़ाता है. इसकी लंबाई 56.9 फीट, विंगस्पैन 37.9 फीट और ऊंचाई 15.9 फीट है. अधिकतम गति 2205 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 1200 KM है. अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 6 हार्ड प्वाइंट्स हैं. जिसमें हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलें और बम लगाए जा सकते हैं.
4. लॉकहीड मार्टिन एफ-22 रैप्टर (Lockheed Martin F-22 Raptor): दुनिया का पहला और असली पांचवीं पीढ़ी का अमेरिकी फाइटर जेट. क्लोज रेंज डॉगफाइटिंग और बेयॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) के लिए यह प्रसिद्ध है. इसे एक पायलट उड़ाता है. इसकी लंबाई 62.1 फीट, विंगस्पैन 44.6 फीट और ऊंचाई 16.8 फीट है. अधिकतम गति 2414 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 850 KM है. फेरी रेंज 3200 KM है. यह अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 20 मिमी का वल्कन रोटरी कैनन लगा है. इसमें 4 अंडर विंग हार्ड प्वाइंट्स हैं. इसमें हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली 8-8 मिसाइलें लगाई जा सकती हैं.
3. चेंगदू जे-20 (Chengdu J-20) : चीन का पहला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट. इसे जे-20 माइटी ड्रैगन भी बुलाते हैं. यह बेहद भारी और ताकतवर लड़ाकू विमान है. चीन ने इसे अमेरिकी एफ-22 और सू-57 से टक्कर लेने के लिए बनाया है. इसे एक ही पायलट उड़ाता है. लंबाई 69.7 फीट, विंगस्पैन 42.8 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है. बिना हथियार और ईंधन के इसका वजन 17 हजार KG है. अधिकतम गति 2450 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 2000 KM है. ऑपरेशनल रेंज 5500 KM है. अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें छह तरीके की मिसाइलें अंदर की तरफ लगाई जा सकती हैं. चार हार्डप्वाइंट्स विंग्स पाइलॉन्स में हैं.
2. सुखोई सू-57 (Sukhoi Su-57) : सुखोई सू-57 फेलन (Su-57 Felon) रूस का पहला स्टेल्थ एयरक्राफ्ट है. इसे एक पायलट उड़ाता है. लंबाई 65.11 इंच, विंगस्पैन 46.3 फीट और ऊंचाई 15.1 फीट है. मैक्सिमम स्पीड 2135 KM/घंटा है. सुपरसोनिक रेंज 1500 KM है. अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है. 12 हार्डप्वाइंट्स हैं. 6 अंदर और 6 बाहर. इसमें हवा से हवा, हवा से सतह, एंटी-शिप, एंटी-रेडिएशन, गाइडेड, अनगाइडेड, क्लस्टर बम, एंटी-टैंक बम और एक्टिव होमिंग बम लगाए जा सकते हैं.
1. लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग 2 (Lockheed Martin F-35 Lightning II) : नंबर एक पर होने के बावजूद इस अमेरिकी फाइटर जेट की गति और नियंत्रण को लेकर विवाद है. इसके बावजूद इसके 750 प्लेन्स बन चुके हैं. इनका उपयोग 11 देश कर रहे हैं. कई देश और उत्पादन की मांग कर रहे हैं. इसे एक ही पायलट उड़ाता है. लंबाई 51.4 फीट, विंगस्पैन 35 फीट और ऊंचाई 14.4 फीट है. अधिकतम गति 1975 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 1239 KM है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 4 बैरल वाली 25 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो एक मिनट में 180 गोलियां दागती है. इसमें चार अंदरूनी और छह बाहरी हार्डप्वाइंट्स हैं. हवा से हवा, हवा से सतह, हवा से शिप और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती है. इसके अलावा चार तरीके के बम लगाए जा सकते हैं.