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चिमटा-ओखल और बेलन से बनाती हैं धुन, महिलाओं को इस तरह जागरूक कर रहा है ये बैंड

women rock band
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बैंड का नाम सुनते ही हमारे जेहन में हमें सिर्फ पुरुष कलाकारों की तस्वीर उभर कर सामने आती है. इन सबके बीच देश में पिछले कुछ सालों में मेरी जिंदगी फीमेल रॉक बैंड ने अपनी एक खास जगह बनाई है. इसे भारत की पहली महिला रॉक बैंड भी माना जाता है. इस बैंड में शामिल सदस्य तमाम मुद्दों पर महिलाओं के बीच जागरूकता फैला रही हैं. इसके साथ ही बैंड कई बच्चियों का शिक्षा भी स्पांसर करता है.

rock band
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इस बैंड को लेकर लखनऊ की रहने वाली इसकी फाउंडर जया तिवारी बताती हैं कि जब मैं संगीत सीख रही थी तो मुझे लगा कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए इसे सशक्त माध्यम बनाया जा सकता है. हम अपने गानों के माध्यम से समाज के सामने लड़कियों की समस्याएं रखते हैं. इससे महिलाओं के अलावा समाज में रहने वाले पुरूष भी जागरूक होते हैं. हमारे बैंड की खास बात ये है कि हम धुन बनाने के लिए ज्यादातर किचन के सामान जैसे चिमटा, बेलन, ओखल आदि का उपयोग करते हैं. इसके पीछे बस वजह यह है कि घरेलू महिलाएं भी इंस्पायर होकर कुछ बेहतर करने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएं.

 

Band in Kashmir
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जया आगे कहती हैं कि अब तक हम 400 से अधिक शो कर चुके हैं. साथ ही, सरकार द्वारा प्रायोजित जागरूकता कार्यक्रम के लिए भी कई कार्यक्रम कर चुके हैं. हाल ही में भारतीय सेना ने कश्मीर भी बुलाया गया था, ताकि हम अपने गीत- संगीत के माध्यम से वहां की महिलाओं के अंदर जागरूकता फैला सकें. उन्हें अपनी कला के माध्यम से ये समझा सकें कि महिलाओं के लिए शिक्षा, समानता का अधिकार कितना जरूरी है. हमारे काम के लिए हमें अभी तक कई जगहों पर सराहा जा चुका है. इसके अलावा हम कई जगह पुरस्कृत भी हो चुके हैं. अब इस बैंड के उद्देश्यों को ग्लोबल स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं.

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band work
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बता दें कि यह बैंड समय-समय पर तमाम गतिविधियां करता रहता है. बच्चियों की शिक्षा के अलावा इस बैंड में साल 2016 में एक ऑनलाइन महिला रेडियो स्टेशन शुरू किया था, जिसका उद्देश्य है. महिलाओं को भी एक ऐसा मंच देना था जहां पर वह खुलकर अपनी बात साझा कर सकें. इस बैंड में फिलहाल 6 सदस्य हैं, जिनमें मेघना सीटी बजाती हैं, वह इस बैंड की सबसे छोटी सदस्य हैं. जया और मेघना के अलावा इस बैंड में उत्सवी बनर्जी, पूर्वी मालवीया, सौभाग्या दीक्षित, मेघना, निहारिका  समय-समय पर इस टीम में लोग कम ज्यादा होते रहते हैं.

first women band
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सौभाग्या दीक्षित इस बैंड की अहम सदस्य हैं . वह एक वोकलिस्ट कै तौर पर इससे जुड़ी हुई हैं. वह कहती हैं कि बैंड के साथ जुड़ने के दौरान मेरी भी समझ महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों को लेकर बढ़ी है. हम सब पहले से ज्यादा समझदार और बेहतर नागरिक बने हैं. हम वुमेन इक्वलिटी से लेकर हाइजीन तक के विषयों पर गाने बना कर परफॉर्म करते हैं. मुझे लगता है कि संगीत एक बड़ा मजबूत साधन है, इससे हम लोगों से जल्दी कनेक्ट करते हैं और उन तक अपनी बात छाप बेहतर तरीके से छोड़ने में सफल रहते हैं.

women rockstar band
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जया बताती हैं कि इस बैंड से अब तक 60 से ज्यादा लड़कियां जुड़ चुकी हैं. कइयों की शादी हो चुकी हैं तो कई अपनी और मजबूरियों की वजह से अभी साथ नहीं हैं. हमने अपने बैंड में ड्रम बजाने से लेकर सीटी बजाना जानने वाली लड़कियों को जोड़ा. वह कहती हैं कि हमारी ज्यादातर धून चन में सब्जी काटते हुए, चाय बनाते हुए, बेलन से रोटी बेलते हुए, चिमटा से रोटी पकाते हुए, किचन का समान इधर-उधर रखने के दौरान बनती हैं. 

band motive
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बैंड की सारी सदस्यों का मानना है कि चाहे अच्छी नौकरियों में शामिल महिलाएं हों या निचले तबके की औरतें सभी को समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.  इनमें रेप विक्टिम से लेकर छेड़खानी और भेदभाव झेलने वाली महिलाएं भी शामिल हैं. हम बस उन महिलाओं के लिए लड़ रहे हैं. अपने गीत-संगीत के माध्यम से हम उन महिलाओं के अंदर ये हौसला भरना चाहते हैं कि उनमें वह साहस है कि अपने मुद्दों के लिए खड़ी हो सकती हैं और अपनी जिंदगी बेहतर कर सकती हैं.

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