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रूसी सेना में काम रहे 10 भारतीय जल्द लौटेंगे स्वदेश, केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रूसी सेना में काम कर रहे 10 भारतीय नागरिकों को रूस सशस्त्र बलों में छोड़ दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि सभी भारतीय नागरिकों से रूस में रोजगार के अवसर तलाशने और इस युद्ध क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है.

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This, however, is not the first time that Indian nationals have lost their lives in the Russia-Ukraine conflict.
This, however, is not the first time that Indian nationals have lost their lives in the Russia-Ukraine conflict.

रूसी सेना में काम कर रहे 10 भारतीय नागरिक जल्द ही भारत लौटेंगे. ये जानकारी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने सपा सांसद धर्मेंद्र यादव द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में दी है. उन्होंने बताया कि रूसी सेना में काम कर रहे 10 भारतीयों के रूसी सशस्त्र बलों ने छोड़ दिया है.

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दरअसल, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में पूछा था कि विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि उन भारतीयों का विवरण दें, जिन्हें मानव तस्करी के जरिए यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में ले जाया गया है. क्या सरकार द्वारा उन्हें भारत वापस लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. अगर उन्हें भारत ला जा रहा है कि उनका विवरण दें और अगर उन्हें वापस नहीं लाने की कोशिश हो रही है तो इसके क्या कारण हैं. उन्होंने यह भी पूछा कि मानव तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है.

रूसी सशस्त्र बलों ने छोड़े 10 नागरिक

सपा सांसद के इन सवालों का जवाब देते हुए कीर्तिवर्धन ने कहा कि सरकार को रूसी सशस्त्र बलों में भर्ती कुछ भारतीय  नागरिकों को जल्द ही छोड़ने देने का अनुरोध प्राप्त हुए हैं. भारत के हर सवाल को विदेश मंत्रालय और मास्को में स्थित भारतीय दूतावास द्वारा रूसी अधिकारियों के  सामने मजबूती से उठाया है. अभी तक रूसी सशस्त्र बल लगभग 10 भारतीय नागरिकों को छोड़ चुका है.

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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि 8, 9 जुलाई को रूस की अपनी हाल ही यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी सशस्त्र बलों से सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द रिहा का मुद्दा उठाया था. साथ ही विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से रूस में रोजगार के अवसर तलाशने और इस युद्ध क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, देश में कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इस मामले की जानकारी है और रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों को गुमराह करने में शामिल लोगों के खिलाफ कई प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

पीएम ने उठाया था मुद्दा

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय रूस दौरे के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता के वक्त रूस की सेना में शामिल किए गए भारतीयों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा उठाया था. इसके बाद भारतीय सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रूसी सेना में फिलहाल 30 से 40 भारतीय सेवा दे रहे हैं. इससे पहले कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ये भारतीय वतन लौटना चाहते हैं लेकिन रूसी सेना छोड़कर स्वदेश वापसी इनके लिए मुमकिन नहीं है. रूस और यूक्रेन जंग में दो भारतीयों की मौत हुई थी. इसके बाद भारत ने रूस से वहां की सेना में भर्ती भारतीयों को वापस भेजने की मांग की थी.
 

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