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1984 सिख दंगे: कोर्ट ने जदगीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

सीबीआई ने 20 मई को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को यहां पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी.

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जदगीश टाइटलर-फाइल फोटो
जदगीश टाइटलर-फाइल फोटो

दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला चार अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया.

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विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने टाइटलर और सीबीआई के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने याचिका का विरोध किया और कहा कि गवाह काफी साहस दिखा कर आगे आए हैं और उन्हें प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

सीबीआई ने कहा, 'नए गवाहों के बयानों के अनुसार प्रथमदृष्टया जगदीश टाइटलर की भूमिका सामने आती है.'

इससे पहले 26 जुलाई को अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को पांच अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया था.

सीबीआई ने 20 मई को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को यहां पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी.

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अदालत में दाखिल अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने दावा किया कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को आजाद मार्केट में पुल बंगश गुरुद्वारे पर इकट्ठा हुई भीड़ को 'उकसाया और भड़काया', जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारे में आग लगा दी गई और तीन सिखों- ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरुचरण सिंह- की हत्या कर दी गई.

सीबीआई ने कहा कि एजेंसी ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148 (दंगा) और धारा 302 (हत्या) समेत अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.

टाइटलर को पहले मिली थी क्लीन चिट 
सीबीआई ने 1984 के सिख दंगे मामले में 20 मई को टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. टाइटलर पर सिख विरोधी दंगे फैलाने का आरोप है. एक बार इसी मामले में सीबीआई 2009 के आम चुनाव से पहले टाइटलर को क्लीन चिट भी दे चुकी है लेकिन भारी जन दबाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने 2009 के आम चुनावों में उनसे पार्टी का टिकट यानी उम्मीदवारी वापस ले ली.

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