ओडिशा के कंधमाल जिले में कथित तौर पर आम की गुठली का दलिया खाने से दो आदिवासी महिलाओं की मौत हो गई और छह अन्य बीमार हो गईं. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वहीं, घटना से इलाके में लोग दहशत में हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि जिले के दरिंगबाड़ी ब्लॉक के मंडीपांका गांव से आम की गुठली को पानी में उबालकर तैयार किए गए दलिया के सेवन की खबर मिली है. दो महिलाओं में से एक 22 वर्षीय रस्मिता पट्टामाझी की गुरुवार रात गजपति जिले के मोहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौत हो गई, जहां उसका "दलिया खाने" के बाद इलाज चल रहा था.
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बीमार 6 लोगों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
वहीं, दूसरी महिला 29 वर्षीय रुनु माझी ने बरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया. स्वास्थ्य सुविधा के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुब्रत दास ने बताया कि कथित तौर पर दलिया खाने से बीमार हुए छह अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर है. उन्होंने कहा, सभी छह लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमें संदेह है कि वे भोजन विषाक्तता के कारण बीमार हुए हैं. जांच पूरी होने के बाद बीमारी का सही कारण पता चलेगा.
मृतक महिला के पति ने लगाया ये आरोप
दरिंगबाड़ी बीडीओ प्रीतिरंजन राठा ने बताया कि छह लोगों की पहचान प्रवती पटमाझी, द्रंगलू पटमाझी, तुनी माझी, सुसामा पटमाझी, जीता माझी और जिबंती माझी के रूप में हुई है. इसी बीच, ओडिशा सरकार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि जनजातीय लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की कमी के कारण आम की गुठली का दलिया खा रहे हैं. रस्मिता के पति अनिल पट्टामाझी ने आरोप लगाया कि पिछले तीन महीनों से उन्हें पीडीएस के तहत चावल नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण उनकी पत्नी ने आम की गुठली खा ली.
हालांकि, कंधमाल के जिला मजिस्ट्रेट-सह-कलेक्टर अमृत रुतुराज ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि परिवार को पीडीएस मानदंडों के अनुसार चावल मिला था. कलेक्टर ने कहा, हम तथ्यों को निर्धारित करने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा, जो महिला एवं बाल विकास विभाग की भी प्रभारी हैं, उन्होंने कहा, यह कुपोषण का मामला नहीं है. आम की गुठली उनके (आदिवासी) नियमित आहार का हिस्सा है. कभी-कभी, आम की गुठली दूषित हो जाती है और इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं. हम खाद्य संदूषण के जोखिमों के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता फैला रहे हैं.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कही ये बात
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग, जिन्होंने दो आदिवासी महिलाओं की मौत की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय अस्पताल की एक टीम और एक अन्य स्थानीय टीम स्थिति का आकलन करने और घटना की विस्तृत जांच करने के लिए मौके पर है. महालिंग ने कहा कि सरकार मौतों के कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा, कंधमाल में लोग आम की गुठली खाते हैं. यह उस क्षेत्र में आम बात है और अतीत में इससे जुड़ी स्वास्थ्य जटिलताओं की भी खबरें आई हैं.
कंधमाल की घटना रायगढ़ जिले के काशीपुर ब्लॉक में आम की गुठली खाने से हुई मौतों से जुड़ी एक ऐसी ही त्रासदी की याद दिलाती है, जहां 2001 में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी और 2016 में आम की गुठली खाने से दो और लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा, आम की गुठली खाने से 2012 और 2013 में कोरापुट जिले के लक्ष्मीपुर में और 2018 में नबरंगपुर जिले के झारीगांव में भी लोगों की मौत हो गई थी.