भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2 हजार रुपये के नोट वापस लेने का फैसला किया है. शुक्रवार देर शाम इसकी घोषणा हुई. आरबीआई ने कहा कि 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये फैसला लिया गया है. घोषणा के बाद से ही देशभर में हलचल का माहौल है. लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे. कोई इसे नोटबंदी बताने लगा तो कोई करप्शन के खिलाफ सरकार का एक और बड़ा एक्शन. हालांकि, आरबीआई ने ये स्पष्ट कर दिया कि 2000 रुपये वैध रहेंगे और देश के लोग 23 मई से लेकर 30 सितंबर 2023 तक इन्हें बैंकों में जाकर बदलवा सकते हैं या जमा कर सकते हैं.
दरअसल, अभी देश में कुल 31 लाख 33 हजार करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में हैं, जिसमें से देश में अभी दो हजार के नोट की कुल 3 लाख 13 हजार करोड़ रुपये की करेंसी चलन में है. 2018 के बाद से ही आरबीआई ने 2000 के नोट छापने बंद कर दिए थे. आरबीआई के नए आदेश के मुताबिक अब कुल चलन में मौजूद करेंसी का दस फीसदी हिस्सा अगले चार महीने में वापस बैंक से बदलना होगा या उसे जमा कराना होगा.
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नाम: 2000 रुपये
रंग: गुलाबी
जन्म: नवंबर, 2016
जन्म का संयोग: 500 और 1000 रुपये का नोट बंद करके आया
उम्र: 6 साल छह महीने रही
शर्तों के साथ वापसी: मई 2023
बता दें कि नवंबर 2016 में दो हजार रुपये का नोट जब आया, तब भारत के लिए ऐतिहासिक खबर थी. वो दौर भ्रष्टाचार के खिलाफ नोटबंदी की दस्तक का था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान कर दिया था. दो हजार रुपये का अंत भी अब करप्शन के खिलाफ दस्तक देते हुए किया जा रहा है. यूं तो संभव है कि आपने भी बहुत दिनों से एटीएम से दो हजार रुपये का नोट निकलते ही ना देखा हो. ना ही आपके पास दो हजार का नोट हो. लेकिन अगर है भी तो परेशान नहीं होना है. आप यहां पहले हर सवाल का जवाब पहले जान लीजिए.
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सवाल नंबर 1: अगर आपके पास दो हजार का नोट है तो क्या बेकार हो गया?
जवाब: नहीं, आपको RBI ने सुविधा दी है और कहा है कि 23 मई से 30 सितंबर तक आप बैंक जाकर 2000 रुपये का नोट जमा करिए और उसके बदले नोट बदल लीजिए.
सवाल नंबर 2: क्या सामान लेने जाने पर दो हजार रुपये का नोट नहीं चलेगा?
जवाब: आरबीआई ने कहा है कि अभी 2000 का नोट चलन में रहेगा. लोग अपने लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का उपयोग जारी रख सकते हैं और उन्हें भुगतान के रूप में भी ले सकते हैं. लेकिन ये पूरी आशंका है कि लोग अब बाजार में आपसे ये नोट लेने से कतराएंगे. इसलिए कोशिश करिए कि बैंक जाकर ही नोट बदलिए.
सवाल नंबर 3: क्या दो हजार रुपये के कितने भी नोट एक साथ लेकर जाकर बैंक से बदल सकते हैं?
जवाब: नहीं, आरबीआई ने कहा है कि एक बार में सिर्फ 20 हजार रुपये तक के ही दो हजार के नोट बैंक से बदले जाएंगे. यानी 2 हजार के दस नोट एक बार में बदले जा सकते हैं.
सवाल नंबर 4: क्या जिस बैंक में खाता है, उसकी ब्रांच में ही जाकर नोट बदलवाना होगा?
जवाब: नहीं, आप किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर अपने 2000 के नोट को बदलवा सकते हैं. एक गैर-खाताधारक भी किसी भी बैंक ब्रांच में एक बार में ₹20,000/- की सीमा तक ₹2000 के नोटों को बदल सकता है. अगर कोई बैंक नोट बदलने से इनकार करता है तो आप संबंधित ब्रांच की शिकायत पहले बैंक मैनेजर से कर सकते हैं. यदि बैंक शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देता है या यदि शिकायतकर्ता बैंक द्वारा दिए गए जवाब/संकल्प से संतुष्ट नहीं है, तो वह रिज़र्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी) के तहत आरबीआई के शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल cms.rbi.org.in पर शिकायत दर्ज कर सकता है.
सवाल नंबर 5: क्या दो हजार का नोट बैंक से बदलवाने का कोई चार्ज लगेगा?
जवाब: नहीं ये सब मुफ्त में होगा, बैंक आपसे कोई चार्ज नहीं लेगा.
सवाल नंबर 6: 10 नोट एक दिन में बदले जा सकते हैं या एक हफ्ते में?
जवाब: इसे अब तक आरबीआई ने साफ नहीं किया है. इस पर स्पष्ट जवाब आना बाकी है.
सवाल नंबर 7: नोट बदलने की समय सीमा 30 सितंबर है. इसके बाद क्या होगा है?
जवाब: समय सीमा पूरी होने के बाद इन्हें आरबीआई के माध्यम से बदला जा सकता है. 30 सितंबर के बाद 2000 रुपये के नोट को बैंकों में एक्सचेंज/डिपॉजिट नहीं किया जा सकेगा.
सवाल नंबर 8: 30 सितंबर के बाद 2000 रुपये कानूनी मुद्रा के रूप में वैध नहीं रहेंगे?
जवाब: 30 सितंबर के बाद भी 2000 रुपये का नोट वैध होगा. हालांकि समय सीमा के बाद 2000 रुपये के नोट से कोई लेनदेन की अनुमति नहीं होगी.
सवाल नंबर 9: एक बार में 10 नोट बदलवा सकते हैं, लेकिन क्या जमा कराने की भी कोई सीमा है?
जवाब: नहीं, अगर 2000 के नोट ले जाकर अपने खाते में जमा करते हैं तो इसकी कोई सीमा नहीं है. आरबीआई के नियमानुसार पहले ही तरह ही नोट जमा कराए जा सकेंगे.
सवाल नंबर 10: क्या ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां बैंकिंग सुविधा कम होती है, वहां बिजेनस कॉरेस्पॉन्डेंट के जरिए भी नोट बदल सकते हैं?
जवाब: हां, लेकिन वहां पर एक अकाउंट होल्डर प्रतिदिन सिर्फ चार हजार रुपये यानी दो हजार के दो नोट ही बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेट के जरिए बदल सकता है.
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लंबे से समय से नहीं हुई छपाई
रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ी जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि 2 हजार के नोट की छपाई 2018 के बाद की ही नहीं गई है. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है. 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है.
'क्लीन नोट पॉलिसी' क्या है?
आमजन तक अच्छी गुणवत्ता के नोट मुहैया कराने के लिए आरबीआई 1988 में 'क्लीन नोट पॉलिसी' लेकर आई थी. यह पॉलिसी देश में जाली नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम लगाने के लिए पेश की गई थी. इस पॉलिसी का देश की अर्थव्यवस्था पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा था क्योंकि इससे लोगों को पुराने नोट बैंकों में जमा करने और उसके बदले नए नोट लेने को मजबूर होना पड़ा था. इससे बाजार में नकदी का संकट भी खड़ा हो गया था, जिससे रियल एस्टेट, रिटेल और टूरिज्म जैसे कई सेक्टर प्रभावित हुए थे. हालांकि, आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी की आलोचना भी खूब हुई थी क्योंकि इसका देश की गरीब और ग्रामीण आबादी पर नकारात्मक असर पड़ा था.