जम्मू-कश्मीर के आईईडी मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है. शख्स का नाम नदीम-उल-हक है और वह बनिहाल का रहने वाला है. 22 वर्षीय नदीम पर आरोप है कि उसे 4 किलो आईईडी दिया गया था, जिसे ज्यादा से ज्यादा प्रभाव के लिए जम्मू के भीड़-भाड़ वाले इलाके में रखा जाना था. सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में अभी और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को जम्मू एयरफोर्स के तकनीकी क्षेत्र में हुए दो विस्फोटों के बाद पांच-छह किलोग्राम का एक और आईईडी को बरामद किया था. इसी मामले में नदीम की गिरफ्तारी की गई है. पुलिस ने बताया कि यह आईईडी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का था और भीड़-भाड़ वाली जगह पर रखा जाना था.
आईईडी को रिकवर करने की वजह से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो विस्फोटों के बाद एक बड़े आतंकी हमले को होने से रोक दिया. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया, ''जम्मू पुलिस द्वारा बरामद 5-6 किलोग्राम का एक और आईईडी है. यह आईईडी लश्कर के एक सदस्य से मिला और इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था. इस बरामदगी से एक बड़ा आतंकी हमला टल गया. इस मामले में और संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है.''
इससे पहले, जम्मू एयरफोर्स के बेस पर ड्रोन के जरिए से दो आईईडी ब्लास्ट किए गए थे. दोनों धमाके पांच मिनट के अंतराल पर हुए, जिसकी वजह से हड़कंप मच गया. पहला ब्लास्ट देर रात 1.37 बजे हुआ, जिसमें इमारत की छत को नुकसान पहुंचा तो वहीं दूसरा ब्लास्ट पांच मिनट बाद 1.42 बजे हुआ. इन हमलों में दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए. हालांकि, दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत नहीं पड़ी है.
बता दें कि एयरफोर्स स्टेशन से भारत-पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 14 किलोमीटर की दूरी पर है. सीमा के उस पार से लगातार ड्रोन के जरिए हथियारों को भेजे जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से चौंकन्नी हो गई हैं और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर आला अधिकारियों ने पूरे घटना से जुड़ी जानकारी ली है.