आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने 26 जनवरी की परेड में दिल्ली और पंजाब की झांकी को शामिल करने की इजाजत नहीं दी. दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया.
भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार तीन सालों से 26 जनवरी की परेड में दिल्ली की झांकी को मंजूरी नहीं देती आई है. आखिरी बार 2021 में दिल्ली की झांकी को 26 जनवरी की परेड में मंजूरी दी गई थी.
भारद्वाज ने कहा कि इस बार दिल्ली की झांकी में राजधानी के स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को दर्शाया जाना था.
उन्होंने कहा कि केंद्र ने दिल्ली की झांकी खारिज कर दी. 2022 की परेड में भी दिल्ली की झांकी खारिज की गई थी. इसके बाद 2023 में भी ऐसा ही किया गया था और अब 2024 की परेड में भी ऐसा किया गया. उन्होंने कहा कि 2023 की रिपब्लिक परेड की थीम नारी शक्ति थी जबकि 2024 की थीम विकसित भारत थी.
भारद्वाज ने कहा कि केंद्र ने हमें कुछ सुझाव दिए थे, जिन्हें हमने हमारी झांकी के प्रस्ताव में शामिल किया था. अगर वे हमें कुछ और सुझाव देते , तो हम उन्हें भी शामिल करते. हमारी झांकी में स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक मॉडल दर्शाया जाना था.
उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि पंजाब की हमारी झांकी को भी केंद्र ने खारिज कर दिया. केंद्र आम आदमी पार्टी के साथ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है
इस बीच दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह झांकी इसलिए खारिज की गई क्योंकि केजरीवाल वहां अपनी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे थे. आरप नेताओं को सच्चाई का पता है लेकिन वे बता नहीं रहे हैं. 26 जनवरी और 15 अगस्त राष्ट्रीय संप्रभुता और गौरव के दिन होते हैं लेकिन केजरीवाल इन दिनों में भी राजनीति करने में व्यस्त हैं.
दिल्ली बीजेपी प्रमुख ने कहा कि दिल्ली और पंजबा की झांकियों को खारिज किए जाने का असल कारण यह है कि वह वहां अपनी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस वजह से स्क्रीनिंग कमेटी ने उनके प्रस्तावों को खारिज कर दिया.