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ओडिशा में पुलिस को बड़ी सफलता, 300 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा जिले से सटे ओडिशा के मलकानगिरी में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. वहां सरकार की योजनाओं से खुश होकर 300 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया है. इन सभी नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाले जिसके बाद इन्हें कपड़े, कृषि यंत्र और अन्य उपहार देकर समाज की मुख्याधारा से जोड़ा गया. इन्हें अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा.

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300 नक्सलियों ने किया सरेंडर
300 नक्सलियों ने किया सरेंडर

ओड़िसा के मलकानगिरी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. सुकमा से सटे मलकानगिरी जिले के चित्तकोंडा प्रखंड के स्वाविमन क्षेत्र में 300 मिलिशिया माओवादी मुख्यधारा में लौट आए हैं.

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मलकानगरी जिले के चित्तकोंडा थाना क्षेत्र के लागुड़ा में राज्य सरकार के विकास कार्यों से संतुष्ट होकर आज लगभग 247 माओवादी समर्थकों ने ओडिशा पुलिस और बीएसएफ बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

स्वामीमान इलाके में माओवादी कई सालों से जनताना सरकार चला रहे थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है. राज्य सरकार के प्रयासों से स्वाविमान क्षेत्रों में कई बीएसएफ शिविरों की स्थापना के बाद नक़्सली प्रभावित क्षेत्रों में एसओजी, डीवीएफ और बीएसएफ जवानों द्वारा संयुक्त रूप से तलाशी अभियान तेज किया गया जिसमें जिला प्रशासन ने भी सहयोग किया.

शनिवार को स्टाम्पट पंचायत के 300 से अधिक मिलिशिया माओवादी हथियार का रास्ता हाथ छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए. उन्होंने माओवादियों का पुतला जलाया और नक्सलियों से तौबा कर लिया.

मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों ने कहा, आने वाले दिनों में समाज में रहने वाले अन्य लोगों की तरह हम भी सरकार के साथ रहेंगे. पुलिस की इस सफलता को लेकर दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र के डीआईजी राकेंद्र सिन्हा ने कहा की  कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं सरेंडर करने वाले नक्सलियों को प्रदान की जाएंगी. 

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नक्सलियों के समर्पण कार्यक्रम में बीएसएफ के डीआईजी राकेंद्र सिन्हा, साउथ वेस्ट डीआईजी राजेश पंडित और मलकानगरी के एसपी नितेश वधानी मौजूद थे.पहले गांव की महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य संगीत से अतिथियों का स्वगात किया. आत्मसमर्पण करने वालों और ग्रामीणों को खिलौने, दवाएं और कपड़ों के साथ अलग-अलग कृषि उपकरण भी दिए गए.


 

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