रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. साथ ही, यूक्रेन के सीमावर्ती देशों से भारतीय छात्रों और नागरिकों को भारत वापस लाने का काम भी जारी है. युद्ध के 10वें दिन यानी शनिवार को यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 15 विशेष उड़ानों के जरिए, 3000 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया.
भारतीयों की वतन वापसी
आपको बता दें कि यूक्रेन से ज़्यादातर भारतीय नागरिक बॉर्डर पर या सीमावर्ती देशों में पहुंच रहे हैं, जहां से भारत मिशन गंगा के तहत विशेष विमान भेजकर भारतीयों की वतन वापसी करा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को 3000 भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है.
भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' के तहत विशेष उड़ानें चलाई जा रही हैं. शनिवार लौटीं 15 उड़ानों में से 12 विशेष नागरिक उड़ानें और 3 आईएएफ उड़ानें शामिल थीं. 22 फरवरी, 2022 से यह विशेष उड़ानें शुरू की गई थीं, जिनके ज़रिए अब तक 13,700 से अधिक भारतीयों को वापस लाया जा चुका है. 55 विशेष नागरिक उड़ानों के ज़रिए 11728 भारतीय लाए गए हैं.
वायुसेना ने अब तक 10 उड़ानें भरीं
ऑपरेशन गंगा' के तहत भारतीय वायुसेना ने अब तक 10 उड़ानें भरी हैं. इन उड़ानों के ज़रिए 26 टन राहत सामग्री उन देशों में पहुंचाई गई है और 2056 यात्रियों को वापस लाया गया है.
भारतीय वायुसेना के तीन C-17 हेवी लिफ्ट ट्रांसपोर्ट विमान, जिन्होंने शुक्रवार हिंडन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, शनिवार सुबह हिंडन में वापस उतरे. ये विमान रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड से 629 भारतीय नागरिकों को निकालकर लाए हैं. इन उड़ानों ने भारत से 16.5 टन राहत सामग्री भी इन देशों तक पहुंचाई.
रविवार, बुडापेस्ट, कोसिसे, रेज़ज़ो और बुखारेस्ट से 11 विशेष उड़ानें संचालित होने की उम्मीद है, जिससे 2200 से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया जाएगा.
खारकीव से सभी भारतीयों को निकाल लिया गया
उधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी दावा किया है कि खारकीव से सभी भारतीयों को निकाल लिया गया है. जो लोग अब भी यूक्रेन में फंसे हैं, उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि सूमी और कुछ अन्य इलाकों को छोड़ दें, तो अब वहां ज़्यादा भारतीय नहीं बचे हैं.