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370 हटने के बाद से कश्मीर में 34 लोगों ने खरीदी संपत्ति, गृह मंत्रालय ने लोकसभा में दी जानकारी

बसपा नेता हाजी फजलुर रहमान के सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में जवाब दिया कि जम्मू-कश्मीर से बाहर के 34 लोगों ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में संपत्ति खरीदी है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी ही वहां जमीन खरीद सकते थे
  • पहले जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था

लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी है कि जम्मू-कश्मीर से बाहर के 34 लोगों ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में संपत्ति खरीदी है. 

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता हाजी फजलुर रहमान के सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित में जानकारी दी है कि जम्मू-कश्मीर से बाहर के 34 लोगों ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में संपत्ति खरीदी है. ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल जिलों में स्थित हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने

5 अगस्त 2019 यानी आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले, तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था और केवल वहां के स्थायी निवासी ही जम्वमू-कश्मीर में जमीन और संपत्ति खरीद सकते थे.

आपको बता दें कि संसद के बजट सत्र के पहले भाग में भी गृह मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी थी कि 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में, जम्मू-कश्मीर में फैले आतंकवाद के बाद, कम से कम 610 कश्मीरी पंडितों को उनकी संपत्ति वापस दिलाई गई.

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इसके अलावा लोकसभा में गृह मंत्रालय ने यह जानकारी भी दी कि पिछले दस सालों में Central Armed Police Forces-CAPF(अर्धसैनिक बलों) में 1200 आत्महत्याएं दर्ज की गईं हैं.

लोकसभा में गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब देते हुए यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. हिंसक घटनाओं में कुल 77% की कमी आई है. 2009 में 2258 हिंसक घटनाओं के मुकाबले, 2021 में 509 हिंसक घटनाएं हुईं. वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी 84% की कमी आई है. 2009 के उच्चतम स्तर 317 से घटकर साल 2021 में 50 हो गई है.  वहीं आम नागरिकों की मौत की संख्या में भी 86% की कमी आई है, जो 2010 के उच्चतम स्तर 720 से घटकर, 2021 में 97 हो गई है. वहीं वामपंथी उग्रवाद के भौगोलिक फैलाव में भी कमी आई है जो कि उच्चतम स्तर वर्ष 2010 में प्रभावित 96 जिलों के 464 पुलिस स्टेशन से घटकर 2021 में 46 जिलों के 191 पुलिस स्टेशन तक सीमित हो गई है.

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